ग्राम पांती मिश्रान मे वार्ड 16,17 में नही है सड़क लोगो को करना पड़ रहा है मुश्किलों का सामना आपातकालीन स्थिति में बना रहता है जान को खतरा
मझारी,खोखला, सर्रा, कोलही में लगभग 500 बस्तियों में आज तक नही पहुंची सड़क।
ग्राम पांती मिश्रान के वार्ड 16,17 में सड़क ना होने से लोगो को करना पड़ रहा है मुश्किलों का सामना। जैसे जैसे बरसात आती है वैसे वैसे गलियां नदियों में तब्दील होने लगती है ऐसे में अगर आपातकालीन स्थिति हो तो बना रहता है जान को खतरा । लोगो ने अपनी समस्या हर बड़े अधिकारियों को सुनाई ग्राम सरपंच और सेक्रेटरी ऐसे में नही दे रहे ध्यान । लोगो का कहना है की सड़क की माग काफी लंबे दिनों से चल रही पर इस पर कोई कार्यवाही नहीं हो रही । सरपंच जब भी कोई बनता है तो वो सिर्फ गांव के कुछ सड़के बनवा के वाह वाही लूट लेता है । और सर्रा, कोलहि,खोखला की तरफ ध्यान नही देता । हम आपको बता दे पांती मिश्रान के वार्ड 16,17 गांव के काफी पिछले हिस्से में आता है जिसपर कोई ध्यान नही दे पाता है । विगत कई वर्षों से सड़क बिन विहीन पांती मिश्रान के ये इलाके में लगभग 400 घर है जिनकी जनसंख्या 700 के आसपास है जिनकी दूरी पंचायत भवन एवम विद्यालय से 5 किलोमीटर से भी अधिक है । जिसके कारण काफी बच्चे शिक्षा से भी वंचित रह जाते है सरकारों से अथक प्रयासों से पूर्व विधायक श्री सुखेंद्र सिंह बन्ना के माग पर वहा बिजली तो पहुंच गई पर सड़क नही पहुंच पाई। जिसके कारण लोगो को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा। लोगो का कहना है अगर शासन प्रशासन इस पर ध्यान नही देता तो हम सब मिलकर अनशन पर बैठेगे । हम अपने बच्चो के भविष्य के साथ खिलवाड़ नही कर सकते । हालाकि कुछ ऐसे लोग भी शामिल है जो सड़क के लिऐ अपनी जमीनें देने को तैयार नही ।उनका कहना है अगर हम अपनी जमीन सड़क के लिऐ दे देगे तो हम खेती किसानी कहा करे गे ऐसे में हमारे कुछ हिस्से की जमीन सरकार ले पर हमे सरकारी जिम्मे खेती के लिऐ भी दे ताकि हमारे बच्चे भूखे ना मरे। वही कुछ वो लोग भी है जो विकास के लिऐ अपनी जमीनें देने को तैयार है उनका कहना है विकास के लिऐ हम तत्पर तैयार है हम अपने हक के लिऐ समझौता भी कर लेंगे पर अगर थोड़ी सी जमीन देनी है तो हम वो भी कर लेंगे पर सड़क जरूर बननी चाहिए ।हम अपने भविष्य के साथ कोई समझौता नहीं करे गे ।
*श्री लाल बहादुर केवट
*श्री रामनरेश केवट
*श्री चंद्रमणि केवट
*श्री जगत केवट
*श्री बिहारी केवट
*श्री बब्बू केवट
*श्री लक्ष्मण केवट
*भैयालाल केवट
*गायत्री केवट
*सुरेश केवट
*सुनील कहार
ये वो लोग है जिन्होंने सड़क के लिए अपनी आवाज उठाई है। अगर शासन इस पर ध्यान नही देगी तो हजारों लोग अपनी आवाज उठाये गे । कुछ वर्षो पहले मुरूम की रोड बनी थी पर वो कुछ ही किलोमीटर तक बनी है। उसके बाद कोई भी कार्य नही कराया गया पंचायत के ज्यादा तर सुविधाएं इस हिस्से तक नही पहुंच पाती जिसके कारण लोगो ने अपनी आवाज उठाई है । ऐसे में अगर आपातकालीन स्थिति होती है तो लोगो को काफी ज्यादा दिक्कत होती है। गर्मी और ठंडी के मौसमों में कुछ राहत जरूर मिलती है पर जैसे ही बरसात प्रारंभ होती है तो लोग खेतो की मेड़ों से मोटरसाइकल को निकालना पड़ता है ऐसे में गाडियों के आने जाने की सुविधा ना होने के कारण कई किलोमीटर पैदल ही सफर करना पड़ता है। खेती किसानी के नजरिए से देखा जाए तो ज्यादातर लोगों की खेती किसानी खोखला ,सर्रा, मझारी, कोलही में ही होती है। ऐसे में रोड बहुत जरूरी हो जाती है।
देखना होगा शासन प्रशासन की नजर कब तक में इन किसानों पर पड़ती है और कब इनको सड़क की सौगात मिलती है।
The National Fact Media
रिपोर्टर
अंकित शुक्ला पाती