खुले मन से करें नए साल का स्वागत
- बीते दो वर्ष हमारे लिए बेहद चुनौती भरे रहे। ये नया साल भी कुछ ऐसी ही दस्तक के साथ आया है।
बीते दो वर्ष हमारे लिए बेहद चुनौती भरे रहे। ये नया साल भी कुछ ऐसी ही दस्तक के साथ आया है। लेकिन हम इसे सकारात्मकता के साथ शुरू कर सकते हैं और खुश रहकर बिता सकते हैं।
साल पहले शुरू हुआ कोरोना का कहर अब भी थमने का नाम नहीं ले रहा। इस नए साल भी कुछ ऐसा ही होता नजर आ रहा है, फिर भी पिछले दो वर्षों के अनुभव से हम इस खतरे को अभी टाल सकते हैं। अपने क्या होते हैं? साथ क्या होता है? जीवन कितना जरूरी है? जीवन के लिए क्या जरूरी है? ये सारी बातें हमने इस महामारी से ही तो सीखी हैं। तो नए साल में, क्यों न अपने इस नए पाठ को दोहराते हुए सकारात्मक रहें और एक नई शुरुआत करें। बेशक कुछ लोगों के लिए ये कठिन काम हो सकता है। लेकिन असंभव कुछ भी नहीं। बस, आपको अपनी आदतों में कुछ बातें शामिल करनी होंगी।
सकारात्मकता से रहें भरपूर
जीवन में हर चीज अच्छी या बुरी नहीं होती। कई बार सिर्फ हमारा नजरिया उसे अच्छा या बुरा बना देता है और ये नजरिया हमारे मन की स्थिति से तय होता है। इसलिए मन पर नियंत्रण बेहद जरूरी है। अपने आसपास ऐसी चीजों को बढ़ावा दें, जो आपको सकारात्मक रखे। साथ ही खुद से भी अपने नजरिए को सकारात्मक बनाए रखने की कोशिश करती रहें। इसके लिए आप कुछ मोटिवेशनल वीडियो देख सकती हैं। कुछ देर का ध्यान भी इसमें आपकी मदद कर सकता है। यही नहीं, आपके आसपास का माहौल भी आपकी मानसिकता को प्रभावित करता है, जैसे घर का वातावरण। नए साल की शुरुआत आप साफ-सफाई से कर सकती हैं। घर और किचन को व्यवस्थित करने के साथ ही घर से कबाड़ को भी हटा दें। इसके अलावा आप अपने घर में हरियाली को बढ़ावा दे सकती हैं, जिससे सकारात्मकता का संचार हो सके।
खुद से करें प्यार
खुद से प्यार का मतलब खुद को पूरी तरह स्वीकारना। यानी अगली बार जब आप शीशे के सामने खड़ी हों, तो खुद को एक नए नजरिए से देखें। आप मोटी हैं, तो खुद वैसा ही स्वीकार करें। बेशक आप खुद को निखारने की कोशिश करें, लेकिन अपने रूप, रंग और काया की दूसरों से तुलना करना बंद करें। इसके अलावा दिन का कुछ वक्त सिर्फ खुद के लिए निकालें। इस दौरान आप अपने मन को खुश करने वाले काम कर सकती हैं। इनमें वो सभी चीजें शामिल हो सकती हैं, जिन्हें आप कभी-ना-कभी सीखना या करना चाहती थीं। इसके अलावा आप रोज खुद से कुछ अच्छी बातें कहना न भूलें।
सेहत की ओर रहे खास ध्यान
अच्छी सेहत सबसे बड़ा वरदान है, इसलिए इस नए साल में अपनी सेहत को प्राथमिकता देना न भूलें। साल का एक फुल बॉडी चेकअप आपको आपके बारे में बेहतर जानकारी देगा। इसके हिसाब से ही आप अपनी फिटनेस का रूटीन तय कर सकती हैं। इसके अलावा आप एक बेहतर डाइट का भी पालन कर सकती हैं। अगर आप पूरी तरह से स्वस्थ हैं, तो भी सामान्य व्यायाम और संतुलित आहार को अपने जीवन का हिस्सा बनाना न भूलें। भोजन के बाद आप कुछ देर टहलने से अपने फिटनेस रूटीन की शुरुआत कर सकती हैं।
आज में जीना सीखें
हर किसी के जीवन में कुछ ऐसी बातें जरूर होती हैं, जो जेहन में हमेशा ताजा बनी रहती हैं। लेकिन कुछ लोगों पर ये यादें इतना गहरा प्रभाव डालती हैं कि वो आज में जीना ही भूल जाते हैं। अगर बात अच्छी है, तो उसका बखान करते हुए आज को नजरअंदाज करने लगते हैं या उसमें कमियां निकालने लगते हैं। अगर बात बुरी है, तो वो उसमें ही घुलते रहते हैं और आज की खुशियों को जीना भूल जाते हैं। इसके अलावा बहुत से लोग आने वाले कल की चिंता में भी खुद का कीमती समय नष्ट कर देते हैं। कल को बनाने के लिए वो आज का अहसास भी नहीं कर पाते। इसलिए बेहतर है कि कल की बातें कल पर ही छोड़ दी जाएं। इतना करने भर से आप हर पल का आनंद लेना सीख जाएंगी।
काम और परिवार के बीच सामंजस्य हो
काम के वक्त परिवार को अलग रखिए और परिवार को समय देते वक्त काम की चिंता करना छोड़ दीजिए। साथ ही अपने समय को इन दोनों के बीच संतुलित तरीके से बांटना सीखें। जरूरी नहीं है कि हर काम आप ही करें। अपने रोज के काम को परिवार के अन्य सदस्यों में बांट दें। इससे परिवार को बेहतर समय देने में मदद मिलेगी। कामों की प्राथमिकता तय करके भी आप समय का प्रबंधन कर सकती हैं। ऐसे में आप परिवार और कार्यक्षेत्र दोनों के साथ न्याय कर सकेंगी। साथ ही आपको कुछ मौकों पर न कहना भी सीखना होगा।
कुछ वक्त अध्यात्म के नाम
अध्यात्म का मतलब सिर्फ कुछ मंत्र का जाप या पाठ नहीं है। इससे बहुत ऊपर, ये आपको ईश्वर से जोड़ने का एक रास्ता है। ये आपको संयम सिखाता है, चरित्र निर्माण करता है, साथ ही आपको मानसिक रूप से मजबूत भी बनाता है। इसके लिए आप कोई भी तरीका अपना सकती हैं, जहां आप खुद को परमात्मा से जोड़ सकें। इसलिए इस नए साल आप परमात्मा के लिए कुछ वक्त निकालना न भूलें। कुछ पल भी आपको ईश्वर से जोड़ सकते हैं।
दूसरों का करें सम्मान
खुद से प्यार करने के साथ ही आपको अपने आसपास के लोगों के लिए भी मन में सम्मान होना चाहिए। ऐसा करने से आप अपने मन को सकारात्मक और सुखी बना सकती हैं। दूसरों के लिए कृतज्ञता का भाव रखकर आप ऐसा कर सकती हैं। यानी आपके प्रति होने वाली हर अच्छी चीज का अहसास करना और उसके लिए धन्यवाद देना आपको कृतज्ञ बनाता है। इन हर अच्छी चीजों में नया दिन, छोटी-बड़ी सफलता, अपनों का साथ जैसी कई बातें शामिल हैं। एक अच्छा दिन बीतने पर ईश्वर को धन्यवाद दे सकती हैं। दिन सही नहीं बीता, तो संभावित बड़े खतरे के टलने का धन्यवाद कर सकती हैं।
साल नया, पर बातें पुरानी
कोविड-19 महामारी का कहर अभी कम नहीं हुआ है। फिर एक बार पूरी दुनिया इस चुनौती का सामना कर रही है और उस दुनिया का हिस्सा हम भी हैं। इसलिए आपको इस नए साल भी कुछ खास बातों का ध्यान रखने की जरूरत है। बेशक ये बातें अब पुरानी हो चुकी हैं, लेकिन इन्हें दोहराते रहना जरूरी है। कोरोना प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन करें। अपनी इम्यूनिटी और स्वच्छता पर खास ध्यान दें। अगर वैक्सीन नहीं लगवाई है, तो अब और देर न करें। हो सके तो समारोह और भीड़-भाड़ में जाने से बचें। समारोह आपके घर का है, तब भी संयम बरतें।