आने वाली है कोविड-19 की तीसरी लहर? डर के बीच दिल्ली के अस्पतालों में बच्चों में सीजनल फ्लू के मामलों में वृद्धि
- कोविड-19 की संभावित तीसरी लहर के डर के बीच राजधानी दिल्ली के विभिन्न अस्पतालों में बच्चों के बीच सीजनल फ्लू के मामले तेजी से बढ़ते नजर आ रहे हैं तथा कुछ को भर्ती कराने की जरूरत पड़ रही है।
कोविड-19 की संभावित तीसरी लहर के डर के बीच राजधानी दिल्ली के विभिन्न अस्पतालों में बच्चों के बीच सीजनल फ्लू के मामले तेजी से बढ़ते नजर आ रहे हैं तथा कुछ को भर्ती कराने की जरूरत पड़ रही है।दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) की हाल की एक बैठक में विशेषज्ञों ने कहा था कि फ्लू और कोरोना वायरस संक्रमण के समान लक्षण होते हैं, ऐसे में दिल्ली सरकार को फ्लू के इस सीजन में कोविड को फैलने से रोकने के लिए बड़े पैमाने पर जांच जारी रखनी चाहिए।चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. बी.एल. शेरवाल ने कहा कि ओपीडी आ रहे बच्चों की संख्या में करीब तीन गुना इजाफा नजर आया है। डॉ. शेरवाल ने कहा कि पहले हम 500-600 मरीज देखते थे और इस बार ओपीडी में 1700-1800 मामले आ रहे हैं। ऐसा इस बार भारी वर्षा की वजह से हुआ है और यह रुख सितंबर की शुरुआत से जारी है।पीएसआरआई के डॉक्टरों ने कहा कि ओपीडी में आ रहे बच्चों में 70 फीसदी में फ्लू जैसे लक्षण होते हैं। द्वारका के आकाश हेल्थकेयर ने भी कहा कि उसके ओपीडी में रोजाना वायरल बुखार के 50-60 मामले आ रहे हैं।पीएसआरआई की पीडियाट्रिक (बाल चिकित्सक) डॉ. सरिता शर्मा ने कहा कि तीन से चार दिनों तक 102 से 103 डिग्री तक बुखार के लक्षण वाले बच्चे पहुंच रहे हैं। उन्होंने कहा कि डेंगू, आंत्रशोथ, टाइफाइड, हैपेटाइटिस जैसी वायरल बीमारियां जांच संबंधी दुविधा पैदा कर रही हैं और कोविड-19 का भी डर है।आकाश हेल्थकेयर की पीडियाट्रिक डॉ. मीना जे ने कहा कि उल्टी, ठंड और कफ के साथ बुखार वाले मामले तेजी से बढ़े हैं। उन्होंने कहा कि खासकर एक साल तक के शिशुओं में गंभीर लक्षण नजर आ रहे हैं और उनमें से कुछ को भर्ती भी करना होता है। कई को तो 103-104 डिग्री तक बुखार चला जाता है एवं कई बार दवा देने के बाद भी बुखार नहीं उतरता।उन्होंने कहा कि हम अधिक से अधिक तरल पदार्थ, ऑक्सीजन थैरेपी जैसे इलाज भी दे रहे हैं। उन्होंने लोगों को भीड़भाड़ वाले स्थानों से बचने, छींकते समय नाक एवं मुंह ढंककर रखने, बार-बार हाथ धोने की सलाह दी और सर्दी या बुखार से पीड़ित लोगों से बच्चों को दूर रखने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि वायरल संक्रमण बड़ों से बच्चों को हो सकता है। यदि आपके बच्चे को तेज वायरल बुखार है और वह कम मौखिक सेवन कर रहा है, तो आपको बच्चे को अस्पताल ले जाना चाहिए।डॉ. मीणा ने कहा कि वायरल फ्लू के अलावा इस बार बच्चों में भी डेंगू का प्रकोप देखा जा रहा है। हम लगभग दो सप्ताह से प्रतिदिन बच्चों में डेंगू के तीन से पांच सकारात्मक मामले देख रहे हैं।