Vodafone Idea के निवेशकों की बदल रही किस्मत! सरकार के फैसलों से फायदा
- बीते बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने टेलीकॉम सेक्टर के हित में कई फैसले लिए। इसका सबसे बड़ा फायदा शेयर बाजार में Vodafone Idea के निवेशकों को मिला है।
बीते बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने टेलीकॉम सेक्टर के हित में कई फैसले लिए। इसका सबसे बड़ा फायदा शेयर बाजार में Vodafone Idea के निवेशकों को मिला है। दरअसल, Vodafone Idea के शेयर का भाव 25 फीसदी से भी ज्यादा की बढ़त के साथ बंद हुआ है। वहीं, बुधवार को यह करीब 3 फीसदी चढ़ा था। इस तरह सिर्फ दो दिन में शेयर का भाव 28 फीसदी से ज्यादा मजबूत हुआ है।
कितना है शेयर का भाव: गुरुवार को बीएसई इंडेक्स पर शेयर का भाव 11.25 रुपए पर बंद हुआ। इससे पहले, बुधवार को शेयर का भाव 8.93 रुपए पर बंद हुआ था। इस हिसाब से निवेशकों को सिर्फ एक दिन में प्रति शेयर 2.32 रुपए का मुनाफा हुआ है। जनवरी महीने में वोडाफोन-आइडिया का शेयर भाव 13.80 रुपए तक गया था। ये 52 सप्ताह का हाई लेवल है।
अगस्त में 5 रुपए से कम था भाव: हालांकि, इसके बाद शेयर में गिरावट भी रही और यह अगस्त के पहले सप्ताह में 4.55 रुपए के भाव तक पहुंच गया। ये वो वक्त था जब कुमार मंगलम बिड़ला ने सरकार को अपनी हिस्सेदारी बेचने की बात कही थी। बिड़ला ने 2 अगस्त को सरकार को लेटर लिखा था। इस लेटर में उन्होंने कहा था कि अगर सरकार मदद के लिए आगे नहीं आती है तो वोडाफोन आइडिया दिवालिया हो सकती है। हालांकि, इसके बाद सरकार की ओर से टेलीकॉम सेक्टर को राहत की उम्मीद की वजह से वोडाफोन-आइडिया का शेयर भाव एक बार फिर बढ़ने लगा।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट: शेयर बाजार के एक्सपर्ट का कहना है कि वोडाफोन-आइडिया के शेयर भाव में अभी और उछाल आएगा। इसकी वजह सरकार की ओर से टेलीकॉम कंपनियों के लिए किए गए ऐलान हैं।
सरकार ने क्या दी है राहत: एडजस्ट ग्रॉस रेवेन्यू यानी एजीआर संकट से जूझ रही टेलीकॉम कंपनियों के हित में सरकार ने कई अहम फैसले लिए हैं। सबसे बड़ा फैसला एजीआर पर मिली राहत है। दरअसल, सरकार ने एजीआर के परिभाषा में बदलाव किया है। इसके अलावा बैंक गारंटी (बीजी) को युक्तिसंगत बनाया गया है। वहीं, टेलीकॉम ऑपरेटर को 4 साल का मोरेटोरियम लेने का भी विकल्प मिल गया है।
ये भी फैक्टर अहम: निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए टेलीकॉम सेक्टर में स्वत: मार्ग के तहत 100% प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति दी गई है। इसके अलावा नीलामी में किश्त भुगतान को सुरक्षित करने के लिए किसी भी बैंक गारंटी की आवश्यकता नहीं होगी। यही नहीं, भविष्य की नीलामी में स्पेक्ट्रम की अवधि 20 से बढ़ाकर 30 वर्ष कर दी गई है। इसके साथ ही भविष्य की नीलामी में प्राप्त स्पेक्ट्रम के लिए 10 वर्षों के बाद स्पेक्ट्रम के सरेंडर की अनुमति दी जाएगी।