हाथ में लिफाफा लिए NCB दफ्तर पहुंची शाहरुख खान की मैनेजर, कल बॉडीगार्ड ने भी सौंपे थे दस्तावेज
Mumbai City, Maharashtra, India
- बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान की मैनेजर पूजा ददलानी शनिवार की सुबह मुंबई स्थित नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) कार्यालय पहुंची।
बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान की मैनेजर पूजा ददलानी शनिवार की सुबह मुंबई स्थित नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) कार्यालय पहुंची। उन्होंने बताया कि ददलानी सुबह करीब 10 बजे दक्षिण मुंबई के बलार्ड एस्टेट स्थित मादक पदार्थ रोधी एजेंसी के कार्यालय में हाथ में लिफाफा लेकर पहुंची।
एक घंटे से अधिक समय बाद कार्यालय से बाहर निकलते समय, बाहर इंतजार कर रहे मीडियाकर्मियों ने उनकी टिप्पणी लेने की कोशिश की, लेकिन वह उनसे बात किए बिना ही वहां से चली गईं।
शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान (23) को एनसीबी ने 3 अक्टूबर को मुंबई तट पर एक क्रूज जहाज पर छापेमारी के बाद गिरफ्तार किया था। एनसीबी की एक टीम गुरुवार को बांद्रा में अभिनेता के आवास 'मन्नत' का दौरा कर कथित ड्रग जब्ती मामले की जांच से संबंधित कुछ दस्तावेज मांग रही थी।
शुक्रवार शाम शाहरुख खान के बॉडीगार्ड ने एनसीबी कार्यालय का दौरा किया था और अभिनेता की ओर से एक सीलबंद लिफाफे में कुछ दस्तावेज सौंपे थे। बॉडीगार्ड ने भी कार्यालय के बाहर इंतजार कर रहे पत्रकारों से कोई बात नहीं की।
मुझे फंसाने के लिए वॉट्सऐप चैट की गलत व्याख्या कर रही है एनसीबी: आर्यन खान
आर्यन खान ने बंबई उच्च न्यायालय में अपनी जमानत अर्जी में कहा है कि एनसीबी इस महीने की शुरुआत में मुंबई के समुद्र तट के नजदीक एक क्रूज पोत से प्रतिबंधित मादक पदार्थों के जब्त होने के मामले में उन्हें फंसाने के लिए उनके वॉट्सऐप चैट की गलत व्याख्या कर रहा है।
आर्यन खान इस समय जेल में हैं। एक विशेष अदालत ने उनकी जमानत अर्जी खारिज कर दी जिसके बाद उन्होंने बुधवार को उच्च न्यायालय का रुख किया। अदालत 26 अक्टूबर को उनकी जमानत अर्जी पर सुनवाई करेगी।
विशेष अदालत के आदेश के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपनी अपील में आर्यन खान ने कहा कि उनके मोबाइल फोन से लिये गये वॉट्सऐप चैट की 'व्याख्या और गलत व्याख्या' अन्यायोचित है। आर्यन (23) ने दावा किया कि जहाज पर एनसीबी के छापे के बाद उनसे कोई प्रतिबंधित मादक पदार्थ नहीं मिला था और अरबाज मर्चेंट तथा आचित कुमार को छोड़कर मामले में अन्य किसी आरोपी के साथ उनका कोई लेना-देना नहीं रहा।