‘लगान’ को 20 साल पूरे: एक दिन पहले याद करते थे आमिर खान अपनी लाइनें, कहा- ‘कम तैयारी के साथ दी परफॉर्मेंस’
- जब भी हिंदी सिनेमा का जिक्र किया जाएगा ‘लगान’ की बात जरूर होगी। फिल्म ने देश ही नहीं विदेश में भी अपनी कामयाबी के झंडे गाड़े।
जब भी हिंदी सिनेमा का जिक्र किया जाएगा ‘लगान’ की बात जरूर होगी। फिल्म ने देश ही नहीं विदेश में भी अपनी कामयाबी के झंडे गाड़े। 20 साल पहले 15 जून 2001 को ‘लगान’ बॉक्स ऑफिस पर रिलीज हुई थी। आज भी दर्शकों को इसके एक-एक किरदार से लेकर डायलॉग तक याद हैं। फिल्म के 20 साल पूरे होने पर आमिर खान ने हमारे सहयोगी हिन्दुस्तान टाइम्स से बात की है। इस दौरान आमिर ने फिल्म से जुड़ी कई यादें साझा की हैं।
काल्पनिक कहानी
फिल्म की कहानी को लेकर आमिर खान कहते हैं कि ‘यह पूरी तरह काल्पनिक कहानी थी, जिसमें कोई सच्चाई नहीं थी। आशु (आशुतोष गोवारिकर) ने कहानी को ऐसे लिखा कि वह बिल्कुल असली लगती है। उस वक्त बहुत से ब्रिटिश अधिकारी थे, बहुत से भारतीय थे, इसलिए ऐसी कोई कहानी अगर हिन्दुस्तान में घटी होगी तो हमने उसके बारे में सुना भी नहीं होगा।
तैयारी के लिए नहीं मिला था वक्त
आमिर अपनी फिल्मों में परफेक्शन के लिए जाने जाते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि ‘लगान’ की तैयारी वो शूट से एक दिन पहले करते थे। इस बारे में आमिर कहते हैं कि ‘मैं अपने बोलने के अंदाज से संघर्ष कर रहा था। “पीके” में मैंने भोजपुरी और “दंगल” में हरियाणवी बोली है लेकिन उसके लिए मैंने तीन-चार महीने का समय लिया। एक-एक शब्द पर मेहनत किया। भाषा सिखाने वाले टीचर के साथ वक्त बिताया लेकिन “लगान” के वक्त मुझे समय ही नहीं मिला। सच में शूटिंग के एक दिन पहले ही मैं अपनी लाइनें याद करता था।‘
बतौर निर्माता पहली फिल्म
आमिर खान फिल्म के निर्माता भी थे। ऐसे में उनके ऊपर ज्यादा दबाव भी था। कई चीजें उन्हें एक साथ देखनी पड़ती थीं। आमिर कहते हैं कि ‘लगान में तैयारी की कमी की एक बड़ी वजह से फिल्म का निर्माता होना था। एक निर्माता के तौर पर इतना काम था कि मैं बतौर अभिनेता तैयारी ही नहीं कर पाया। यह पहली बार था जब मैं फिल्म प्रोड्यूस कर रहा था तो मेरा पूरा ध्यान इस पर था कि कुछ भी गलत ना हो। इस तरह देखा जाए तो “लगान” एक ऐसी फिल्म है जिस पर शायद मैंने सबसे कम तैयारी की थी।‘
आमिर आगे कहते हैं, ‘वहीं आशु ने इससे पहले दो फिल्में की थीं और दोनों ही सफल नहीं रही थीं। मैंने उस पर भरोसा किया, उसकी स्क्रिप्ट और उसकी क्षमता पर, इस वजह से मैं इस पर आगे बढ़ा। पर कहीं एक डर भी लगता था कि ये बीड़ा उठा कर हमने कोनो गलती तो नहीं की(हंसते हुए)।‘
थियेटर पर्सन
ओटीटी प्लेटफॉर्म और सिनेमाहॉल पर बात करते हुए आमिर कहते हैं कि ‘मैं ओटीटी के खिलाफ नहीं हूं। यह एक बहुत अच्छा माध्यम है और बहुत सी चीजें मैं यहां देखना पसंद करता हूं। मुझे लगता है कि मैं जिस तरह का काम करता हूं, जो बनाता हूं, मैं एक सिनेमा पर्सन हूं। थियेटर से प्यार करने वाला। मुझे सिनेमाहॉल में देखना पसंद है। निश्चित रूप से ओटीटी पर भी आए लेकिन मैं ऐसा व्यक्ति हूं तो पहले बड़े पर्दे पर देखना पसंद करता है।‘