पुष्कर सिंह धामी होंगे उत्तराखंड के नए सीएम, बनाए गए भाजपा विधायक दल के नेता
- तीरथ सिंह रावत के इस्तीफे के बाद अब पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री होंगे। आज शाम उनका शपथ ग्रहण भी होगा।
तीरथ सिंह रावत के इस्तीफे के बाद अब पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री होंगे। आज शाम उनका शपथ ग्रहण भी होगा। कई दिनों की रानजीतिक उठापठक के बाद भाजपा नेतृत्व ने यह फैसला लिया है। वह भाजपा युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं और दो बार खटीमा से विधायक रहे हैं। भाजपा की विधायक दल की बैठक में उनके नाम पर मोहर लगाई गई है।
उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव में करीब 6 महीने का वक्त बाकी है और इससे पहले भाजपा ने 45 साल के धामी पर दांव लगाया है। वे उधम सिंह नगर की खटीमा विधानसभा सीट से विधायक हैं। भाजपा विधायक दल ने भाजपा मुख्यालय में हुई बैठक में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पद के लिए उनके नाम की घोषणा की। पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि मेरी पार्टी ने एक सामान्य से कार्यकर्ता को सेवा का अवसर दिया है। जनता के मुद्दों पर हम सबका सहयोग लेकर काम करेंगे।
आज विधायक दल की बैठक दोपहर तीन बजे भाजपा मुख्यालय में शुरू हुई, जिसमें केंद्रीय पर्यवेक्षक के रूप में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और भाजपा महासचिव एवं उत्तराखंड के प्रभारी दुष्यंत गौतम मौजूद रहे। बैठक की अध्यक्षता प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मदन कौशिक ने की।
इससे पहले तीरथ सिंह रावत ने राज्यपाल बेबी रानी मौर्य को शुक्रवार देर रात 11 बजे के बाद अपना इस्तीफा सौंप दिया था। उन्हें भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने बुधवार को दिल्ली बुलाया था। उन्होंने दिल्ली से लौटने के बाद अपना इस्तीफा सौंपा।
राजभवन पहुंचकर अपना इस्तीफा देने के बाद रावत ने संवाददाताओं को बताया कि उनका इस्तीफा देने की मुख्य वजह संवैधानिक संकट था जिसमें निर्वाचन आयोग के लिए चुनाव कराना मुश्किल था। उन्होंने कहा, ‘‘संवैधानिक संकट की परिस्थितियों को देखते हुए मैंने अपना इस्तीफा देना उचित समझा ।’’
पौड़ी से लोकसभा सदस्य रावत ने इस वर्ष 10 मार्च को मुख्यमंत्री का पद संभाला था और संवैधानिक बाध्यता के तहत उन्हें छह माह के भीतर यानी 10 सितंबर से पहले विधानसभा का सदस्य निर्वाचित होना था। लेकिन मुख्यमंत्री के विधानसभा पहुंचने में सबसे बड़ी अड़चन के रूप में यह संवैधानिक संकट आ गया कि जब विधानसभा चुनावों में एक साल से कम का समय बचा हो तो ऐसे में सामान्यत: उपचुनाव नहीं कराए जाते। वैसे भी कोविड महामारी के कारण भी फिलहाल चुनाव की परिस्थितियां नहीं बन पायीं।
इससे पहले, अपने तीन दिन के दिल्ली दौरे से लौटे मुख्यमंत्री रावत राज्य सचिवालय पहुंचे और संवाददाताओं से मुखातिब हुए लेकिन उन्होंने अपने इस्तीफे के संबंध में कोई बात न करते हुए नई घोषणाएं कर सबको हैरानी में डाल दिया।
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उत्तराखंड में “तीरथ यात्रा” पूरीः ऐसा क्या हुआ…या विवादित बयान कारण बने? देखें- क्या बोले पूर्व CM त्रिवेंद्र रावत
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तीरथ सिंह रावत के इस्तीफे पर उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि यह कोई बड़ा मामला नहीं है। सिर्फ संवैधानिक या तकनीकी मामलों के कारण उनको इस्तीफा
मुख्यमंत्री बनने के बाद तीरथ सिंह रावत के विवादित बयानों की वजह से देशभर में बीजेपी की खूब फजीहत हुई। उनके कई बयानों पर विपक्षी पार्टियों ने जमकर हमला बोला।
अपने विवादित बयानों की वजह से चर्चा में रहने वाले तीरथ सिंह रावत ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। तीरथ रावत करीब 4 महीने ही उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के रूप में अपना कार्यकाल संभाल सके। कहा जा रहा है कि भाजपा ने भले ही संवैधानिक नियमों का हवाला देकर तीरथ सिंह रावत से इस्तीफा लिया हो लेकिन कहीं ना कहीं उनके विवादित बयान भी इसकी एक वजह रहे हैं।
तीरथ सिंह रावत के विवादित बयानों पर उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि यह किसी की व्यक्तिगत राय हो सकती है। साथ ही उन्होंने इस्तीफे के मसले पर कहा कि यह कोई बड़ा मामला नहीं है। सिर्फ संवैधानिक या तकनीकी मामलों के कारण उनको इस्तीफा देना पड़ा। साथ ही त्रिवेंद्र रावत ने कहा कि कई विधायकों ने तीरथ रावत को अपनी सीट भी ऑफर की थी। लेकिन उस समय वह अस्वस्थ थे और चुनाव नहीं लड़ सके। चूंकि संवैधानिक नियमों के आधार पर सदन के नेता को उसका सदस्य बनना जरुरी होता है इसलिए उनको इस्तीफा देना पड़ा।
मुख्यमंत्री बनने के बाद तीरथ सिंह रावत के विवादित बयानों की वजह से देशभर में बीजेपी की खूब फजीहत हुई। उनके कई बयानों पर विपक्षी पार्टियों ने जमकर हमला बोला। इतना ही नहीं कई बयानों पर तो भाजपा के बड़े नेताओं को भी सामने आकर सफाई देनी पड़ी। तीरथ सिंह रावत के विवादित बयानों की फेहरिस्त काफी लंबी है।
तीरथ सिंह रावत के फटी जींस वाले बयान पर खूब हल्ला मचा। उन्होंने एक कार्यक्रम में महिलाओं के फटी जींस पहनने पर कहा कि एक बार वो प्लेन से कहीं जा रहे थे तो उन्होंने एक महिला को फटी हुई जींस पहने देखा। महिला के साथ उसके साथ दो बच्चे भी थे। महिला एनजीओ चलाती थी। रावत ने कहा था कि ऐसी महिलाएं अपने बच्चों को क्या संस्कार देना। रावत के इस बयान पर बीजेपी को देश भर में शर्मिंदगी झेलनी पड़ी थी।
इसके अलावा उन्होंने बच्चे पैदा करने को लेकर भी विवादित बयान दिया था। तीरथ सिंह रावत ने कहा था कि लॉकडाउन के दौरान मोदी जी ने हर घर में प्रति व्यक्ति 5 किलो राशन दिया। जिस घर में 10 थे तो 50 किलो आ गया, 20 थे तो क्विंटल आ गया, 2 थे तो 10 किलो आ गया। लेकिन फिर भी लोगों को एक दूसरे से जलन होने लगी कि मुझे 2 है तो 10 किलो मिला और 20 वाले क्विंटल क्यों मिला। आगे उन्होंने कहा कि भैया इसमें दोष किसका है। उसने 20 पैदा किए, आपने 2 पैदा किए तो उसको क्विंटल मिलने लगा, इसमें जलन काहे का। जब समय था तो आपने दो ही पैदा किया, 20 क्यों नहीं किया। काहे का जलन भाई।
इतना ही नहीं उन्होंने कोरोना को लेकर भी एक अजीबो गरीब बयान दिया था। तीरथ सिंह रावत ने कहा था कि मां गंगा की कृपा से कुंभ में कोरोना नहीं फैलेगा। कोरोना काल में कुंभ करने को लेकर तीरथ सिंह कहा था कि कुंभ और निजामुद्दीन मरकज की तुलना करना गलत है। बंद कमरे के कारण निजामुद्दीन मरकज से कोरोना फैला जबकि हरिद्वार में खुले में कुंभ हो रहा है।
इसके अलावा तीरथ रावत ने अपने एक बयान में प्रधानमंत्री मोदी की तुलना भगवान राम और कृष्ण से भी कर दी थी। उन्होंने कहा था कि लोग भविष्य में नरेंद्र मोदी की पूजा करेंगे। जैसे भगवान राम और कृष्ण ने लोगों के सामाजिक उत्थान के लिए काम किया उसी तरह नरेंद्र मोदी भी लोगों के लिए काम कर रहे हैं। इसलिए आने वाले दिनों में लोग नरेंद्र मोदी की पूजा करेंगे।