अब दिल्ली बीजेपी में रार, वॉट्सऐप ग्रुप से बग्गा सहित कई प्रवक्ताओं के हटाए जाने पर अटकलें तेज
- कई राज्यों से होते हुए राजनीतिक कलह अब दिल्ली पहुंच गई है। राष्ट्रीय राजधानी में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेताओं के बीच दरार सतह पर आ गई है।
कई राज्यों से होते हुए राजनीतिक कलह अब दिल्ली पहुंच गई है। राष्ट्रीय राजधानी में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेताओं के बीच दरार सतह पर आ गई है। सूत्रों के मुताबिक, तेजिंदर पाल सिंह बग्गा और नेहा शालिनी दुआ सहित कुछ प्रवक्ताओं को पार्टी के वॉट्सऐप ग्रुप से निकाल दिया गया है। इसके बाद से अटकलें तेज हो गई हैं।दिल्ली बीजेपी के मीडिया टीम के हेड नवीन कुमार ने दावा किया कि पार्टी में सबकुछ ठीक है और कोई मतभेद नहीं है। उन्होंने कहा, ''कुछ लोगों ने अपना मोबाइल फोन बदल लिया होगा या कुछ और वजहें होंगी, जिसकी वजह से कुछ लोगों के नाम हट गए होंगे।''सोशल मीडिया पर बेहद एक्टिव बग्गा को पिछले शनिवार को दो वॉट्सऐप ग्रुप से रिमूव कर दिया गया, जिसमें मुख्यतौर पर पार्टी के मीडिया टीम मेंबर्स हैं। एक बीजेपी नेता ने कहा कि उन्हें मंगलवार को एक बार फिर जोड़ दिया गया, लेकिन उन्होंने खुद ग्रुप छोड़ दिया। इसके बाद बग्गा ने ट्विटर पर अपने परिचय से 'बीजेपी प्रवक्ता' हटा दिया है।बग्गा से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ''मैं कुछ कॉमेंट नहीं करूंगा। पार्टी नेताओं से बात करिए।'' बीजेपी नेता ने कहा, ''बग्गा ने 2020 में हरिनगर से विधानसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गए थे। पिछले साल पार्टी पुनर्गठन में वह कुछ बड़ी जिम्मेदारी चाहते थे, लेकिन नजरअंदाज कर दिया गया था। इसके बाद वह बंगाल चुनाव में व्यस्त हो गए थे।''पार्टी के एक अन्य प्रवक्ता हरिश खुराना के साथ भी ऐसा ही हुआ है। वह दिल्ली के पूर्व सीएम मदनलाल खुराना के बेटे हैं। एक महीने पहले उन्होंने दिल्ली बीजेपी के मीडिया वॉट्सऐप ग्रुप को छोड़ दिया था। पार्टी पदाधिकारियों की नियुक्ति के दौरान उनकी वरिष्ठता को नजरअंदाज किए जाने के बाद निराश होकर उन्होंने यह कदम उठाया था। खुराना इस पर प्रतिक्रिया देने के लिए उपलब्ध नहीं हो पाए। बताया जा रहा है कि वह प्रवक्ता का पद छोड़ने की धमकी भी दे चुके थे, लेकिन दिल्ली बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं ने उन्हें मना लिया और मीडिया रिलेशंस हेड का पद दिया गया। दिल्ली बीजेपी के आंतरिक सूत्रों का कहना है कि पार्टी में कई अनसुलझे मुद्दे हैं, जिसकी वजह से पार्टी में कुछ नेता असहज हैं।