कोरोना महामारी के बीच बुजुर्गों की मेंटल हेल्थ का रखें ख्याल
- कोरोना काल में बुजुर्गों के मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ा है। अब फिर से कोरोना के मामले बढ़ने पर उनकी चिंताएं बढ़ सकती हैं।
कोरोना काल में बुजुर्गों के मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ा है। अब फिर से कोरोना के मामले बढ़ने पर उनकी चिंताएं बढ़ सकती हैं। महामारी के इस दौर में ऐसे बुजुर्ग मरीज, जिन्हें कोरोना संक्रमण नहीं हुआ, वे भी मानसिक परेशानियों से जूझ रहे हैं।
एम्स के एक अध्ययन के मुताबिक अस्पताल जाने वाले 18.87 फीसदी बुजुर्ग मरीजों में अवसाद और 22.6 फीसदी बुजुर्ग मरीजों में तनाव के लक्षण दिख रहे हैं। एम्स के जिरियाट्रिक मेडिसिन विभाग (जहां बुजुर्ग मरीजों का इलाज होता है) के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर विजय कुमार का कहना है कि कोरोना में ऐसे मरीज जो अन्य बीमारियों के इलाज के लिए आए थे, उनमें भी अवसाद और तनाव के लक्षण दिख रहे हैं। ऐसे में परिजनों की जिम्मेदारी भी बहुत हद तक बढ़ जाती है। डॉक्टर विजय कुमार का कहना है कि खराब मानसिक स्वास्थ्य उनकी स्वस्थ होने पर भी असर डाल रहा है।
डॉक्टर जवाहर सिंह ने बताया कि बुजुर्गों को किसी परिस्थिति में डालना या घबराना नहीं है। स्वजन उनके साथ समय बिताएं। इस तरह के लोगों में तनाव और बड़बड़ाने की तकलीफ बढ़ सकती है। तनाव वाले जो मरीज सामान्य हालत में हैं, लेकिन दवा ले रहे हैं, उनमें तकलीफ दोबारा उभर सकती है। कोई बुजुर्ग तनाव, अवसाद, अनिद्रा या खाना नहीं खा रहा है तो बिना देर किए डॉक्टर से मिले। समय से उन्हें दवाएं उपलब्ध कराएं और उनसे बात करते रहें।
किसी परिस्थिति को लेकर बुजुर्गों को घबराने न दें। खानपान पौष्टिक रखें, दवा समय पर देते रहें।
बुजुर्गों के सामने कोई नकारात्मक बात न करें। जिस कमरे में रहते हैं, वहां सफाई रखें।
-घर परिवार के लोग उनके साथ समय बिताएं। दूर रहने वाले परिजन और अन्य रिश्तेदार उनसे फोन पर हाल-चाल जानते रहें, उन्हें एहसास दिलाएं कि वह अकेले नहीं हैं।