उत्तराखंड: कोरोना से कितने लोग हुए संक्रमित? इस तरह से पता लगाएगी सरकार, शुरू की तैयारी
- कोरोना की तीसरी लहर से बचने के लिए राज्य में सीरो सर्वे शुरू हो गया है। इसके तहत पहले चरण में पौड़ी जिले को सर्वे के लिए चुना गया है।
कोरोना की तीसरी लहर से बचने के लिए राज्य में सीरो सर्वे शुरू हो गया है। इसके तहत पहले चरण में पौड़ी जिले को सर्वे के लिए चुना गया है। पौड़ी के अलग-अलग क्षेत्रों में स्वास्थ्य कर्मी लोगों में एंटीबॉडी जांच कर संक्रमण की स्थिति का पता लगा रहे हैं। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने कुछ समय पूर्व देश में संक्रमण की स्थिति का सही अंदाजा लगाने के लिए सीरो सर्वे कराने का निर्णय लिया था। इसके तहत अब राज्य में भी काम शुरू हो गया है। राज्य में सर्वे के लिए एक बार फिर पौड़ी जिले को चुना गया है। इससे पहले हुए तीन सीरो सर्वे के लिए भी राज्य में पौड़ी को चुना गया था। देश में अभी तक तीन बार सीरो सर्वे हो चुके हैं और अब चौथा सर्वे किया जा रहा है। हालांकि कई राज्य इससे अधिक सीरो सर्वे भी करा चुके हैं। स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ तृप्ति बहुगुणा ने बताया कि राज्य में सीरो सर्वे के लिए पौड़ी जिले को चुना गया है। उन्होंने कहा कि ब्लाक स्तर पर कोविड जांच के लिए गठित टीमों को ही यह जिम्मेदारी दी गई है। उन्होंने कहा कि इसके नतीजों से राज्य में कोरोना की तीसरी लहर से बचाव व उससे निपटने में मदद मिलेगी।
संक्रमित आबादी का पता चलेगा
कोरोना की दूसरी लहर ने देश के साथ ही राज्य में भी बड़े स्तर पर लोगों को संक्रमित किया था। बड़ी संख्या में लोग अस्पतालों में इलाज के लिए पहुंचे जबकि कई लोग घर में ही ठीक हो गए थे। पौड़ी जैसे जिले में हर तीसरे, चौथे व्यक्ति में संक्रमण की आशंका जताई जा रही थी। लेकिन स्वास्थ्य विभाग के पास इसके लिए कोई सटीक डेटा नहीं था। इसके बाद अब सीरो सर्वे में रैंडम सैंपलिंग से आबादी में संक्रमण की स्थिति का पता चल सकेगा। स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ तृप्ति बहुगुणा ने कहा कि सीरो सर्वे से पौड़ी में कुल संक्रमित आबादी का अंदाजा लग सकेगा। जिससे राज्य का भी अंदाजा लगाया जा सकेगा।
एंटीबॉडी जांच के लिए होता है सीरो सर्वे
दून मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ आशुतोष सयाना ने बताया कि किसी व्यक्ति के ब्लड में मौजूद सीरम और सेल्स की जांच से एंटीबॉडी का पता चल जाता है। उन्होंने बताया कि एंटीबॉडीज दो तरह की होती हैं पहली इम्यूनोग्लोबुलीन एम यानी आईजीएम और दूसरी इम्मयूनोग्लोबुलीन जी आईजीजी। आईजीजी एंटीबॉडी लंबे समय तक शरीर में रहती है और एक तरह से वायरस के खिलाफ मेमोरी सेल्स का काम करती है। सीरो सर्वे में आईजीजी एंटीबॉडीज टेस्ट की जाती हैं।
क्या होता है सीरो सर्वे
सीरो सर्वे या सीरोलॉजिकल सर्वे हमें यह बताता है कि उस क्षेत्र में कितना कोरोना वायरस फैला हुआ है। कई बार लोगों में कोरोना का संक्रमण होता है लेकिन उनके शरीर में इसके कोई लक्षण नहीं दिखाई देते। इसका मतलब है कि व्यक्ति कोरोना से संक्रमित तो हुआ लेकिन बीमार नहीं पड़ा। जितने ज्यादा लोगों में एंटीबॉडी मिलेंगी उतना ही संक्रमण का खतरा कम होगा। इसीलिए कोरोना से बचाव में सीरो सर्वे की अहम भूमिका है। उससे आबादी में संक्रमण की सही तस्वीर सामने आती है।