18 अक्टूबर से बुध और गुरु हो चुके हैं मार्गी, इन राशि वालों की बढ़ेंगी मुश्किलें
- गुरुदेव बृहस्पति 18 अक्टूबर की सुबह 11 बजकर 39 मिनट पर मकर राशि में मार्गी हो चुके हैं।
गुरुदेव बृहस्पति 18 अक्टूबर की सुबह 11 बजकर 39 मिनट पर मकर राशि में मार्गी हो चुके हैं। गुरु की यह स्थिति 20 नवबंर तक रहेगी। इसी दिन रात को 08 बजकर 46 मिनट पर कन्या राशि पर बुध मार्गी हो चुके हैं। यह अपनी राशि में 22 दिन तक गोचर करने के बाद 02 नवंबर को सुबह 09 बजकर 43 मिनट पर तुला राशि पर गोचर कर जाएंगे। गुरु को वैभव, ज्ञान और विवेक का कारक माना जाता है। बुध को बुद्धि और वाणी का कारक माना जाता है। जानिए बुध और गुरु के मार्गी होने से किन राशि वालों की बढ़ेंगी मुश्किलें-
कर्क राशि- कर्क राशि वालों की जन्म कुंडली के तीसरे और 12वें भाव के स्वामी बुध माने जाते हैं। गुरु उनके छठवें और नौवें भाव के स्वामी हैं। इस दौरान आपका सहकर्मियों के साथ वाद-विवाद हो सकता है। मानसिक शांति भंग हो सकती है।
कुंभ राशि- कुंभ राशि के जातकों की कुंडली में बुध को पंचम और अष्टम भाव का स्वामी माना जाता है। गुरु उनके दूसरे और 11वें भाव के स्वामी हैं। गोचर काल के दौरान आपको मेहनत का पूरा फल नहीं मिलेगा। मानसिक तनाव का सामना करना पड़ सकता है। बेवजह धन खर्च हो सकता है।
मेष राशि- मेष राशि वालों की जन्म कुंडली के तीसरे और छठवें भाव के स्वामी बुध हैं। छठवें भाव को आमदनी, कर्ज और शत्रु का भाव माना जाता है। गुरु नौवें और 12वें भाव के स्वामी हैं। इस दौरान आपके मन में कई कार्यों की शुरुआत की भावना प्रबल होगी। कार्यक्षेत्र में विकास धीमी गति से हो सकता है।
इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।