दिवाली और छठ पर खाद्य तेल न हों महंगे इसलिए मोदी सरकार ने उठाया यह कदम
- चौतरफा महंगाई की मार झेल रहे लोगों को इन त्योहारों के सीजन में खाद्य तेल की कीमतें परेशान ना करें, इसके लिए केन्द्र की नरेंद्र मोदी सरकार पहले से ही सजग दिखाई दे रही है।
चौतरफा महंगाई की मार झेल रहे लोगों को इन त्योहारों के सीजन में खाद्य तेल की कीमतें परेशान ना करें, इसके लिए केन्द्र की नरेंद्र मोदी सरकार पहले से ही सजग दिखाई दे रही है। फूड एंड पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन (DFPD) के सचिव सुधांशु पाण्डेय ने त्योहारी सीजन के मद्देनजर खाद्य तेल की कीमतों पर स्टाॅक सीमा पर चर्चा करने के लिए आज यानी सोमवार को सभी राज्य एंव केन्द्र शासित प्रदेशों के अधिकारियों से मिलने का अनुरोध किया है।
डिपार्टमेंट की तरफ से जारी किये गये बयान में कहा गया है, "डीएफपीडी खाद्य तेल की कीमतों और ग्राहकों को उसकी उपलब्धता पर नजर बनाये हुए है। आगामी त्योहारों के नजर में यह काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि उस दौरान मांग बढ़ेगी।" बयान में आगे कहा गया है कि प्रत्येक राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश में खाद्य तेल की मांग अलग-अलग है। वहीं, राज्य खाद्य तेल और तिलहनों की स्टाॅक की सीमा को लेकर जारी किये गये नोटिस का उल्लेख कर सकते हैं।
केन्द्र ने अबतक क्या उठायें हैं कदम
उच्च कीमतों को कम करने के लिये केन्द्र सरकार पहले ही कई कदम उठा चुकी है। जिसमें पाम ऑयल, सोयबीन और सूरजमुखी के तेल के आयात शुल्क में कमी शामिल है। घरेलू कीमतों को नियंत्रित करने के लिये और उपभोक्ताओं को राहत देने के लिये, कुछ आयतकों और निर्यातकों को छोड़कर, खाद्य एवं तिलहन का व्यापारियों पर 31 मार्च तक स्टाॅक की सीमा भी लगा दी गई है।
आयात शुल्क में कटौती के बाद तेल की कीमतों में 3 से 4 रुपये की गिरावट देखने को मिली है। बता दें, नवंबर 2020 से सितंबर 2021 के दौरान वेजिटेबल ऑयल्स का आयात 1,22,57,837 टन की तुलना में 2% बढ़कर 1,24,70,784 टन हो गया था। कुल वेजिटेबल ऑयल्स में से खाद्य तेल का आयात 1,19,50,501 टन से बढ़कर 1,20,85,247 टन हो गया था।