Health alert: सेहत का हाल बिगाड़ देगी आठ घंटे से कम की नींद, जानें घेर सकते हैं कौन से रोग
- अधिकांश लोग अधिक काम करने, पैसा कमाने और सफलता हासिल करने के लिए नींद के साथ समझौता करते हैं।
अधिकांश लोग अधिक काम करने, पैसा कमाने और सफलता हासिल करने के लिए नींद के साथ समझौता करते हैं। लेकिन, नींद का बेहिसाब त्याग सेहत पर भारी पड़ सकता है। ऑस्ट्रेलिया में हुए एक हालिया अध्ययन में यह बात सामने आई है। कम घंटों की नींद याददाश्त को प्रभावित करने के साथ-साथ मेटाबॉलिज्म और रोग-प्रतिरोधक क्षमता को भी प्रभावित करती है।
यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ ऑस्ट्रेलिया के प्रोफेसर सियोभान बैंक्स का कहना है कि पिछले पंद्रह सालों से अधिक के अध्ययनों में यह बात सामने आई है कि लंबी अवधि तक नींद की कमी के कारण ओबेसिटी, टाइप टू मधुमेह और यहां तक कि कैंसर जैसी बीमारियों का जोखिम बढ़ता है।
प्रतिदिन आठ घंटे से कम की नींद सेहत के लिए बिल्कुल भी अच्छी नहीं है। भोजन को सही तरीके से पचाने की क्षमता, संक्रमण से लड़ने की क्षमता और कई शारीरिक प्रक्रियाएं इससे प्रभावित होती हैं। जो लोग लंबे समय तक, कई वर्षों तक कम नींद लेते हैं, उनमें मोटापे, टाइप 2 मधुमेह और कुछ किस्म के कैंसर होने का जोखिम बढ़ जाता है।
कम नींद लेने से याददाश्त में कमी, प्रतिक्रिया देने में देरी और थकान जैसे अल्पकालिक नुकसानों के सबसे अधिक होते हैं। अधिकांश लोग एक रात की भी खराब नींद के बाद इन सभी दिक्कतों का अनुभव करते हैं।
कामकाज पर असर पड़ेगाः
स्पील लॉस रिसर्चर के रूप में सियोभान बैंक्स ने यह जांच की है कि लोग कितने अलग-अलग तरीकों से सोते हैं। कुछ काम पूरा करने के लिए नींद से समझौता करते हैं, कुछ को वर्किंग शिफ्ट की वजह से नींद के साथ सामंजस्य बिठाना पड़ता है। कुछ लोग माहौल की वजह से कम सो पाते हैं। बैंक्स का कहना है कि 24 घंटों में अगर भरपूर नींद नहीं ली जाएगी तो कार्यस्थल पर लोग बहुत अच्छी तरह से काम नहीं करेंगे।
अलग-अलग अवधि में पूरी कर सकते हैं नींदः
प्रोफेसर बैंक्स का कहना है कि अगर शेड्यूल के कारण एक ब्लॉक में आठ घंटे की नींद लेना संभव नहीं है तो छोटी-छोटी अवधि में इसे पूरा कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस बात के सबूत हैं कि आपको अपनी सारी नींद एक बड़े हिस्से में लेने की जरूरत नहीं है। लोग मुख्य नींद लगातार चार या पांच घंटे की ले सकते हैं और फिर वे दोपहर में एक या दो घंटे की झपकी के साथ अपनी बाकी नींद की पूर्ति कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि नींद को पूरा करने के लिए आप विशेष रणनीतियों का उपयोग कर सकते हैं। इस मामले में पावर नैप कारगर हो सकती है। लब्बोलुआब यह है कि जो पर्याप्त नींद लेने में असमर्थ लोगों को झपकी लेनी चाहिए।
नींद के तीन चरणः
हालांकि, सच्चाई यह भी है कि नींद से सिर्फ अकेले झपकियों पर गुजारा नहीं हो सकता है। कम अवधि की नींद के साथ यह एक सपोर्टिव सिस्टम की तरह कारगर हो सकात है। हमारे मस्तिष्क को हर रात कम से कम एक लंबी नींद के चक्र की जरूरत होती है, ताकि सब कुछ ठीक-ठाक रहे। ऐसा इसलिए है, क्योंकि हमारी रात की नींद में एक बुनियादी 'एनाटॉमी' होती है, जिसमें दो मुख्य घटक होते हैं- रैपिड आई मूवमेंट या आरईएम स्लीप, और दूसरा गैर-आरईएम स्लीप। गैर-आरईएम नींद तीन चरणों में होती है।
पहला चरण तब होता है जब आप नींद का अनुभव कर रहे होते हैं। यह चरण कुछ मिनट तक चलता है। दूसरा चरण एक हल्की नींद है, जिसमें आपके शरीर का तापमान गिर जाता है और आंखों की गति रुक जाती है। यह चरण 10-25 मिनट तक चलता है, लेकिन आप जितनी देर सोते हैं, उतना लंबा हो जाता है।
तीसरा चरण धीमी-तरंग नींद है, जो ज्यादातर रात के पहले भाग में होती है। सुबह तरोताजा महसूस करने के लिए ऐसी नींद की जरूरत होती है। आरईएम नींद गैर-आरईएम की नींद से बहुत अलग है। अगर रात में घबराहट होती है, बेचैनी होती है तो तो आपके नींद के इस भाग में होने की संभावना है। यह नींद का वह हिस्सा है जहां आप सपने देखते हैं।