अब टीपू सुल्तान के जमाने की मस्जिद में पूजा की मांग, हिंदू संगठनों ने किया हनुमान मंदिर का दावा
- टीपू सुल्तान की बनवाई एक मस्जिद को लेकर विवाद शुरू हो गया है। हिंदू संगठनों का दावा है कि वहां पर एक मंदिर हुआ करता था। यह मस्जिद बेंगलुरु से 120 किमी की दूरी पर है।
वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग पाए जाने के दावे के बाद यूपी की एक अदालत ने परिसर को सील करने का आदेश दिया है। याचिकाकर्ताओं ने मस्जिद परिसर में पूजा की इजाजत मांगी थी। अब कर्नाटक में एक मस्जिद को लेकर इसी तरह का विवाद जन्म ले रहा है। यह विवाद टीपू सुल्तान के जमाने में बनाई गई एक मस्जिद को लेकर है। हिंदू संगठनों का दावा है कि यहां एक हनुमान मंदिर हुआ करता था।
क्या है मस्जिद का इतिहास
बेंगलुरु से 120 किलोमीटर की दूरी पर श्रीरंगपट्टन में एक मस्जिद है। कहा जाता है कि श्रीरंगपट्टन टीपू सुल्तान की राजधानी हुआ करता था। यहीं किले में यह जामिया मस्जिद है। कहा जाता है कि विजय नगर साम्राज्य के समय में यह किला बनाया गया था। बाद में टीपू सुल्तान ने इसपर कब्जा कर लिया। मस्जिद के अंदर मिले पारसी लेखों से पता चलता है कि मस्जिद का निर्माण 1782 में हुआ था।
सुल्तान ने अपने महल के करीब ही इस मस्जिद को बनवाया था। मस्जिद में एक मदरसा भी चलता है। एएसआई इस इमारत की हिफाजत करता है।
हिंदू संगठन ने उठाई पूजा की मांग
नरेंद्र मोदी विचार मंच नाम के हिंदू संगठन ने मस्जिद में पूजा की मांग को लेकर मंडी डिप्टी कमिश्नर को निवेदन सौंपा है। इसमें लिखा गया है कि मस्जिद परिसर में नमाज बंद करवा दी जाए। दावा किया गया है कि मस्जिद के अंदर अब भी हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां हैं। मंच के राज्य सचिव सीटी मंजुनाथ ने कहा कि यहां मंदिर होने के सबूत मौजूद हैं।
यह भी दावा किया गया है कि मस्जिद की दीवारों से हिंदू शिलालेख मिले हैं। इसके अलावा मस्जिद के पिलर की डिजाइन का हवाला देकर कहा जा रहा है कि यह किसी मंदिर का शिल्प है। काली मठ के ऋषि कुमार स्वामी का दावा है कि 1784 में मैसूर किंग द्वारा बनाए गए मंदिर को तोड़कर टीपू सुल्तान ने मस्जिद बनवाई थी। एक मस्जिद को गिराने को लेकर धमकी देने के बाद स्वामी को जनवरी में गिरफ्तार किया गया था। अब वह बेल पर बाहर हैं।
इसी बीच कर्नाटक के मंत्री के ईश्वरप्पा ने भी कहा है कि मुगल काल में भारत में करीब 36 हजार मंदिरों को तोड़ा गया। उन्होंने कहा कि कानून का सहारा लेकर उन मंदिरों को वापस बनाया जाएगा। इसमें किसी को परेशानी नहीं होगी। वहीं अब मस्जिद के अधिकारियों ने प्रशासन से सुरक्षा की मांग की है।