यूपी BJP में असंतोष की ख़बरों के बीच दिल्ली में PM नरेंद्र मोदी से मिलेंगे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
- उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दिल्ली में हैं. गुरुवार को गृहमंत्री अमित शाह से उनकी मुलाक़ात हुई है. वह शुक्रवार सुबह पौने 11 बजे प्रधानमंत्री मोदी से मुलाक़ात करेंगे. इसके अलावा शुक्रवार 12:30 बजे बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मिलेंगे. योगी यूपी के राजनीतिक हालात पर चर्चा करने आए हैं.
नई दिल्ली:
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दिल्ली में हैं. गुरुवार को गृहमंत्री अमित शाह से उनकी मुलाक़ात हुई है. वह शुक्रवार सुबह पौने 11 बजे प्रधानमंत्री मोदी से मुलाक़ात करेंगे. इसके अलावा शुक्रवार 12:30 बजे बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मिलेंगे. योगी यूपी के राजनीतिक हालात पर चर्चा करने आए हैं. उनकी मुलाकात ऐसे वक्त में हो रही है जब भारतीय जनता पार्टी के उत्तर प्रदेश यूनिट में असंतोष की ख़बरें आ रही हैं. यहां तक कि पिछले दिनों उनको पद से हटाए जाने की भी सुगबुगाहट उठी थी, लेकिन पार्टी की ओर से किए गए आकलन के बाद ऐसा संदेश दिया गया था कि सबकुछ ठीक चल रहा है.पार्टी के अंदर यूपी बीजेपी के कई नेताओं के बीच मुख्यमंत्री योगी के खिलाफ असंतोष जताने की खबरें आई हैं. जानकारी है कि इन नेताओं को इस बात का गिला है कि योगी सरकार ने कोविड संकट का सक्षम तरीके से सामना करने में ढिलाई बरती है.जानकारी मिली है कि योगी आदित्यनाथ दो दिनों तक दिल्ली में रहेंगे. वो आज गृहमंत्री अमित शाह से आज मिलेंगे, वहीं पीएम मोदी और जेपी नड्डा से उनकी कल मुलाकात होगी. वो आज शाम बजे अमित शाह से मिल रहे हैं. वहीं कल सुबह 10.45 पर वो पीएम से मिलने जाएंगे. इसके बाद दोपहर साढ़े 12 बजे वो जेपी नड्डा से मिलेंगे.
जितिन प्रसाद का फैक्टर
एक और कारण से योगी की यात्रा खास है. अभी बुधवार को ही कांग्रेस के बड़े नेता जितिन प्रसाद ने बीजेपी जॉइन की है. वो यूपी की राजनीति में एक बड़ा ब्राह्मण चेहरा हैं. माना जा रहा है कि अगले विधानसभा चुनावों में वो बीजेपी को रीसेट करने में अहम भूमिका अदा कर सकते हैं. योगी सरकार को राज्य में ब्राह्मणों का एक धड़ा प्रो-ठाकुर मानता है. ऐसे में कहा जा रहा है कि बीजेपी ब्राह्मण चेहरों पर जोर लगा रही है.पिछले हफ्ते ही एक और ब्राह्मण चेहरे की यूपी की राजनीति में एंट्री हुई थी. पूर्व नौकरशाह एके शर्मा जो पीएम मोदी के करीबी माने जाते हैं, वो यूपी आए हैं. माना जा रहा है कि राज्य में उन्हें भी बड़ा रोल दिया जाएगा.उत्तर प्रदेश में चुनावों को एक साल से भी कम का वक्त रह गया है. ऐसे में बीजेपी यूपी क्राइसिस को संभालने की कोशिश कर रही है. पिछले कुछ वक्त में कोविड मैनेजमेंट को लेकर कई सांसदों और विधायकों ने सार्वजनिक रूप से बयान दे दिया था.