लोहे के कबाड़ से बनाया मोदी का 14 फीट ऊंचा स्टैच्यू, गुंटूर में बाप-बेटे का कमाल
- अक्सर कबाड़ से जुगाड़ की खबरें आती रहती हैं। इस बार आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिला स्थित तेनाली कस्बे के दो कलाकारों ने यह कारनामा अंजाम दिया है। इन दोनों कलाकारों ने लोहे के कबाड़ से पीएम मोदी की 14 फीट ऊंची प्रतिमा बनाई है। यह दोनों कलाकार पिता और बेटा हैं।
अक्सर कबाड़ से जुगाड़ की खबरें आती रहती हैं। इस बार आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिला स्थित तेनाली कस्बे के दो कलाकारों ने यह कारनामा अंजाम दिया है। इन दोनों कलाकारों ने लोहे के कबाड़ से पीएम मोदी की 14 फीट ऊंची प्रतिमा बनाई है। यह दोनों कलाकार पिता और बेटा हैं। पिता का नाम है कटूरी वेंकटेश्वर राव और बेटे का नाम है रविचंद्रा। यह दोनों तेनाली कस्बे में ‘सूर्य शिल्पशाला’ चलाते हैं।
मूर्तियां और स्कल्पचर बनाने के लिए मशहूर
पिता और बेटे की यह जोड़ी मूर्तियां और स्कल्पचर बनाने के लिए मशहूर हैं। दोनों बेकार सामानों, लोहे के कबाड़, खासतौर पर नट और बोल्ट के इस्तेमाल से अपनी कलाकृति बनाते हैं। कटुरी वेंकटेश्वर राव ने कहा कि आयरन स्कल्पचर बनाने के मामले में हमें अंतर्राष्ट्रीय पहचान हासिल है। उन्होंने बताया कि हमने पिछले 12 साल में 100 टन लोहे के कबाड़ का इस्तेमाल करते हुए कलाकृतियां बनाई हैं। राव ने बताया कि वह सिंगापुर, मलेशिया और हांगकांग जैसे देशों में इसकी प्रदर्शनी भी लगा चुके हैं।
विश्व रिकॉर्ड में दर्ज है नाम
वेंकटेश्वर राव ने बताया कि हाल ही में उन्होंने करीब 75000 नट का इस्तेमाल करते हुए 10 फीट ऊंची ध्यान गांधी का स्कल्पचर बनाया था। यह अपने आपमें एक विश्व रेकॉर्ड है। इसे देखने के बाद बंगलुरू की एक संस्था हमारे पास आई और हमसे प्रधानमंत्री मोदी का स्टैच्यू बनाने की बात कही। राव के मुताबिक पीएम मोदी का स्कल्पचर बनाने में करीब दो महीने का समय लगा है। इसे बनाने के लिए कई तरह के वेस्ट मैटेरियल का इस्तेमाल किया गया है। वहीं 10 से 15 मजदूरों ने इसके लिए दिन-रात मेहनत की है। उन्होंने कहा कि इसे देखने वाले हमारी तारीफ कर रहे हैं।