ग्राम पंचायत दूवगमा मै पंचायत पर गए तो पंचायत बंद थी और वहां पर जब हम ग्राम वासियों से पूछे तो उन्होंने हमें यह बताया कि पंचायत एक भी दिन नहीं खुलती हैं और ना कोई भी यहां पर काम होता है ना ही कोई कर्मचारी आते हैं
और अभी कुछ जरूरत हमारी पड़ जाती है तो कुछ काम नहीं करते यह कर्मचारी लोग ना ही कार्यालय में बैठते हैं हमारे सहायक सेक्रेटरी लोकेश पटेल तो और नहीं आते पंचायत पर और आवास आ रहा था जिसका आभार आया है उससे बोलते हैं हमको पैसा दो हम तुम्हारा पहले नंबर में कर देंगे
ग्राम पंचायत दूवगमा मै पंचायत पर गए तो पंचायत बंद थी और वहां पर जब हम ग्राम वासियों से पूछे तो उन्होंने हमें यह बताया कि पंचायत बंद रहती है और कोई भी कर्मचारी यहां पर नहीं आते हैं और ना ही कुछ काम हो रहा है ना ही किसी को आवास मिल पाया है और जिसका नाम भी है उससे बोलते हैं हमको पैसा दो 10,000 और किसी से 20000 मांगते हैं हमको पैसा दे दो हम जल्दी से तुम्हारे ऊपर कर देंगे नंबर तुमको आगे मिलेगा और जिसका बना भी है जिससे पैसा भी लिए हैं यह लोग उसका आधे में ही अभी अटका है उसकी अभी पूरी पेमेंट भी नहीं दिए हैं यह लोग पूरा पैसा खाकर बैठे हैं लैट्रिन का इतना पैसा आया ग्राम वासियों को ₹1 भी नहीं मिला और जिसको मिला भी है एक दो लोगों को उसमें आधा पैसा हीन क मिला है आधा यह लोग खा लिए हैं आवर और हमारे ग्राम वासियों को ₹1 भी नहीं मिला है नाही कोई योजना का लाभ ले पाते हैं यह कोई भी योजना निकलती है तो हमारी कर्मचारी बोलते हैं कि पैसा दो हमको हम सब करवा देंगे तुम्हारा बिना पैसे की तो बात करते नहीं है और कार्यालय में एक भी दिन बैठते नहीं हैं ग्राम वासियों का बहुत काम बाकी है परंतु बैठते ही नहीं हैं कार्यालय में ऐसे तो हमारे ग्राम पंचायत दूवगमा मै यह सब चल रहा है और कुछ भी काम नहीं हुआ है बता देंगे यहां काम हुआ है वहां काम हुआ है सिर्फ पैसा खाने का इनको चाहिए बस अभी अगर जांच हो तो काम ₹1 का भी नहीं निकलेगा पता नहीं यह लोग कहां काम करवाए हैं कहां नहीं सब ग्राम वासियों का पैसा खाकर बैठे हैं यह लोग और कार्यालय में आने का नाम नहीं लेते और ना ही किसी का पेंशन का ही जोड़ना है किसी की आईडी ही अलग करना है जिसका आवास में नाम है उसका कुछ पता ही नहीं चल रहा है और नहीं अभी हमारी ग्रामवासी सेक्रेटरी के घर जाते हैं तो वह घर पर भी नहीं मिलते और जब मिलेंगे भी तो एकदम टाइट होकर ऊंची आवाज में बोलेंगे हम पब्लिक के सर्वेंट थोड़ी हैं सरकार हमको पैसा दे रही है 8 घंटे ड्यूटी करने के लिए ना कि 24 घंटे ड्यूटी करने के लिए 8 घंटे ड्यूटी करने के लिए आपको पैसा दे रही है सरकार तो आप कार्यालय में बैठकर 8 घंटे अपना ड्यूटी के लिए कार्यालय में क्यों नहीं आते हैं आप जब अगर ऐसी बात है तो कार्यालय में आप रोजाना बैठिए हफ्ते में एक दिन से छुट्टी मिल गई करती हैं आप लोगों को शनिवार रविवार अपना वो करिए ग्राम वासियों का यही कहना है तभी भी सुनने के लिए तैयार नहीं है नाही सेक्रेटरी अरुण पाल सिंह और नहीं सहायक सेक्रेटरी लोकेश पटेल यह कोई भी कर्मचारी यहां सुनने के लिए तैयार नहीं है जब कार्यालय में बैठे तब ना इनको ग्राम वासियों का काम करने का मौका मिले घर में बैठे रहेंगे या घूमेंगे तो कैसे ग्राम वासियों का काम होगा कोई भी काम ही लोग ढंग से नहीं करते और बिना पैसे की तो बात नहीं करते हैं यह दूवगमा मै कहते हैं कि वार्ड नंबर 4 में चोतरा बनाया गया है लेकिन यहां पर कोई भी चौतरा नहीं बना है नाही आज तक सड़क निकल पाई है यहां कितनी बार बोले हैं लेकिन सुनते ही नहीं है और एक भी काम अभी लेकर जाते हैं तो सीधा यह काम करने से इंकार कर देते हैं बोलता है आज नहीं कल आज हम इतने दिन से एक कागज के लिए बोले हैं हमको भोले की पंचायत पर आकर दे दीजिएगा परतू आज तक हमको सेक्रेटरी महोदय अरुण पाल सिंह हमको मिलते ही रह गए और सुनते भी नहीं है यह कोई भी काम ग्राम वासियों का एक दो लोग ऐसे हैं कि बस उन्हीं के पास से बैठेंगे उनके घर पर जाकर के इसके बाद वहां से निकल जाएंगे ग्राम वासियों का कुछ भी नहीं है लोग कर रहे हैं ना ही एक रुपए का काम किए हैं और घोटाला तो लाखों का है यहां पर ग्राम पंचायत दूवगमा मै सरकार से यही निवेदन है कि इसकी जांच जल्द से जल्द की जाए हमारे ग्राम वासियों का यही कहना है हम सरकार से बकवास करते हैं हनुमाना ब्लॉक के अध्यक्ष गुड्डू सिंह जी से और अपने सीओ साहब से हम यह कहते हैं कि ग्राम पंचायत दूवगमा की जांच की जाए खुद अगर आकर मौका करेंगे तो हमारे जिला सीओ साहब को सब पता चल जाएगा कि कितना यह काम किए हैं दूवगमा पंचायत में एक भी काम नहीं हुआ है लेकिन यहां तो कोई भी कर्मचारी सुनने के लिए तैयार नहीं है अभी 27 तारीख को सीओ साहब के पास आवेदन दिए थे अभी उसमें कुछ निराकरण नहीं निकला है हम लोगों का ना ही कुछ जांच हो रही है ना कुछ तब हम क्या मानेकी आगे क्या कार्रवाई करेंगे कुछ अभी तक निराकरण नहीं निकला है ना ही कोई कर्मचारी यहां जांच करने के लिए आए हैं ग्राम पंचायत दूवगमा मै आज तक एक भी कर्मचारी जांच करने के लिए नहीं आए और ना ही लगता है कि आएंगे हमारे ग्राम वासियों का कहना है
Good news