महिला बाल विकास हनुमना आंगनबाड़ी घोटाला
फर्जी अंकसूची पर नियुक्ति
मामला महिला बाल विकास परियोजना कार्यालय हनुमना अंतर्गत ग्राम पंचायत भदौहा के ग्राम जट्टा का है जहां पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता श्रीमती सुनीता शुक्ल पति रामसागर शुक्ल का है जो कि निरक्षर हैं लेकिन 2012मे पर फर्जी अंकसूची पर नियुक्ति हो गई।
आइए जानते है कि तरह से पैसे लेकर उक्त समय में अधिकारियों ने नियुक्ति पत्र जारी किया।
सुनीता शुक्ल पिता श्री शिवनारायण मिश्रा ग्राम टीकर थाना अमिलिया जिला सीधी की सुपुत्री है । जिनका विवाह सन् 1999मे रामसागर शुक्ल पिता श्री जगदीश प्रसाद शुक्ल ग्राम जट्टा पोस्ट पांती, थाना हनुमना जिला रीवा के साथ हुआ ।18फरबरी सन् 2000को इनकी पहली संतान पुत्री हुई,जिसका 8वर्ष की आयु में तालाब में डुबने से मृत्यु हो गई। यह थोड़ी सी जानकारी बताना इसलिए उचित था क्योंकि इसका संबंध आंगनबाड़ी कार्यकर्ता श्रीमती सुनीता शुक्ल की आयु एवं फर्जी अंकसूची से है।
सन् 2005 में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता श्रीमती सुनीता शुक्ल पति रामसागर शुक्ल कक्षा 5वीं प्राथमिक पाठशाला जिला नरसिंहपुर से होम पास करती है । साथ ही इनकी अंकसूची में मौजूद अनुक्रमांक, प्राप्तांक, वह पुर्णांक , वहां पर दाखिल खारिज रजिस्टर पर पर अध्ययनअध्ययनरत नियमित छात्रा बेटीबाई गड़रिया के अंकसूची से मैच करता है, जो संभव नहीं है।
जब पुरे मध्य प्रदेश में 2005मे 5वीं बोर्ड परीक्षा थी और उसी विद्यालय की नियमित छात्रा बेटीबाई गड़रिया बोर्ड परीक्षा पास करती है , लेकिन उसी सन् वह अनुक्रमांक में सुनीता शुक्ल पति रामसागर शुक्ल होम परीक्षा कैसे पास कर सकती हैं जो संभव नहीं है।
चलिए यदि मान लिया जाए कि 2005मे पास की हुई होम पास फर्जी नहीं है । लेकिन 2005मे जब सुनीता शुक्ल पति रामसागर शुक्ल कक्षा 5वीं उत्तीर्ण करती है तो उनकी आयु अंकसूची के मुताबिक महज 11स12वर्ष थी, लेकिन वर्ष 1999 में जब इनका विवाह हुआ तो इनकी आयु अंकसूची के मुताबिक महज 6वर्ष होगी,जब सन् 2000मे सुनीता शुक्ल पति रामसागर शुक्ल की आयु 8वर्ष थी यह कैसे संभव है। इतना ही नहीं इनकी अंकसूची में केवल कक्षाध्यापक के हस्ताक्षर के अलावा परीक्षा प्रभारी और प्रधानाचार्य के हस्ताक्षर व सील मौजूद नही जो अंकसूची के फर्जी होने का प्रमाण देते है। केवल महिला बाल विकास मे मौजूद अधिकारियों को पैसे देकर नियुक्ति कराई गई जिसके विरुद्ध जिला सत्र न्यायालय रीवा में प्रकरण सन् 2013/14से आज तक चल रहा फैसला आज तक संलिप्त अधिकारियों की मेहरबानी से नही हो रहा है ।
प्रकरण क्रमांक -179/a13'14 है जिसमें अंकसूची के फर्जी होने के सम्पूर्ण दस्तावेज फाईल में मौजूद है।10 म ई 2021को जिला सत्र न्यायालय रीवा से नोटिस जारी की गई , महिला बाल विकास परियोजना अधिकारी कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता श्रीमती सुनीता शुक्ल पति रामसागर के 2012मे नियुक्ति आवेदन के सम्पूर्ण दस्तावेज 5जुन2021तक न्यायालय में प्रस्तुत करें लेकिन परियोजना अधिकारी शंखधर त्रिपाठी ने आज तक कोई दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया जो कि माननीय न्यायालय के आदेश की अवहेलना है । जिससे सिद्ध होता है कि कहीं न कहीं सच न्याय को दबाया जा रहा है जबकि सच बिल्कुल आईना की तरह साफ है। इसके अलावा आज छ महीने से उप आंगनवाड़ी केन्द्र जट्टा मे ताला बंद है पोषण आहार भी नहीं बांटा जा रहा है बल्कि उस पोषण आहार का उपयोग अपने मवेशियों को खिलाने में किया जाता है। इस तरह से शासन से प्राप्त राशि एवं पोषण आहार के दुरुपयोग न फर्जी अंकसूची के नियुक्ति के खिलाफ तत्काल कार्यवाही हो एवं 2012से आज तक की सम्पूर्ण राशि व पोषण आहार में व्यय राशि को वसुलकर इस फर्जी भर्ती को किया जाय।
नेशनल फैक्ट मिडिया रिपोर्टर
दिनेश शुक्ल
इसमें सही करबाही की जाय परियोजना अधिकारी से हमारी यहीं कहना है