ग्राम नाहरमऊ मैं आज विश्वकर्मा निवास निवास में छोटी बच्ची का जन्मदिन मनाया गया
आज 1 सितंबर 2021 को ग्राम नाहरमऊ के छोटे से परिवार मैकेनिक बारकल करते हुए इस काबिल बनाया और शिक्षा का भाव समझते हुए पूरे परिवार जन्मदिन मनाते हुए इस बच्ची को आशीर्वाद एवं प्यार दिया
ग्राम नाहरमऊ विश्वकर्मा परिवार मैं जन्मी बच्ची जिसका नाम प्रियंका विश्वकर्मा जिनकी पिता कमल कुमार विश्वकर्मा दादाजी श्रीमान जानकी प्रसाद विश्वकर्मा जिस बच्ची के जीवन से ही बहुत ही संघर्ष रहे हो, इस बच्ची का जन्म हुआ तब इसके पीछे पीठ पर एक फोड़ा था, जिसको लेकर इसके मां-बाप एवं दादा दादी बहुत ही चिंतित रहा करते थे, पूरा परिवार परेशानियों से जूझ रहा था, और बच्ची भी जिंदगी और मौत की जंग लड़ रही थी, नाजुक नन्ही सी जान पर डॉक्टर ने बताया था, कि इस फोड़े का ऑपरेशन किया जाएगा बहुत ही परेशानी के साथ जबलपुर, भोपाल, सागर अन्य जगहों पर इसको ले जाया गया और बहुत ही दिक्कतों का सामना करना पड़ा तब जाकर उस बच्ची की जान बचाई जा सकी और आज वह बच्ची का जन्मदिन उसके परिवार के परिजनों ने बहुत ही उनकी प्रयास अनुसार बहुत ही अच्छी तरीके से मनाया कैंडल जलाई, गुब्बारे, लगाए गए केक बनाया गया और केक काटकर उस बच्ची को दुआओं के साथ आशीर्वाद देते हुए और उसकी आरती उतार कर पूरे परिवार ने उसके जीवन की कामना की और उपहार दिए गए जिसे (गिफ्ट भी कहते हैं)
उस बच्ची प्रियंका विश्वकर्मा के दादाजी श्रीमान जानकी प्रसाद विश्वकर्मा के विचार सुने उन्होंने बताया की बच्ची और बेटियां हम कन्या मानते हैं और कन्या को साक्षात देवी लक्ष्मी सरस्वती के रूप में हमारी परंपराओं के अनुसार माना जाता है और वास्तव में परिवार में बच्चियों को साक्षात देवी के रूप में मानते हैं जैसे सचमुच हमारे घर में देवी का वास हो ऐसी नन्ही नन्ही प्यारी प्रियंका विश्वकर्मा खेलती हुई शुरुआती जीवन में संघर्ष का परिचय उसने दिया जब उसने जिंदगी को ठीक से जाना भी नहीं था या सांस भी नहीं ले पा रही थी तब उसके जीवन में ऐसी संघर्ष में घटना आई थी और वह बच्ची बड़ी हिम्मत के साथ उस नाजुक पलों में कैसी लड़ाई होगी एक बड़े युवाओं के लिए यह एक सीखने का विषय है! कि जिंदगी से कभी हार नहीं माननी चाहिए!
प्रियंका प्रियंका के पिता श्रीमान कमल कुमार विश्वकर्मा जी ने बताया की बच्ची बहुत ही हिम्मत वाली है जिसने हमें भी जिंदगी से संघर्ष करना सिखाया उस पर में हम कैसे हैं वह हिम्मत बांध के भोपाल और जबलपुर कि चिकित्सालय में जाति रहे एक बार भी हिम्मत नहीं हारी उस बच्ची की प्रति या उस बच्ची के वजह से हिम्मत बराबर मिलती रही और हम प्रयास करते रहे उसको बचाने का और उसके पीछे का फोड़ा को जो ऑपरेशन करवाया गया तो उसमें निश्चित ही सफलता मिली उस बच्ची ने बहुत ही संघर्ष किया है जिंदगी से और इसी द्वारा हमें अपनी जिंदगी से संघर्ष करने का एक संदेश मिलता है और किसी भी संघर्ष की स्थिति में हमें हार नहीं माननी चाहिए ऐसा उस बच्चे ने हमें सिखा दिया जो केवल कुछ दिन पहले जन्मी बच्ची थी या कुछ महीने की कह सकते हैं या यूं कहें कि साक्षात देवी जी ने हमें जीवन के संघर्ष के बारे में उस बच्ची के द्वारा सिखाया सिखाया और प्रियंका के पिता कमल जी ने उसे कुछ रुपए देकर उसकी आरती उतारी और शत शत नमन किया
ऐसे ऐसे ही उनकी दादी एवं सभी जनों ने आरती उतार कर उसी आशीर्वाद दिया और उज्जवल भविष्य की कामना की
फिर प्रियंका के चाचा जी कमलेश कुमार विश्वकर्मा नेशनल फैक्ट मीडिया रिपोर्टर ग्राम नाहरमऊ द्वारा प्रियंका विश्वकर्मा जो कि उनकी भतीजी है उसको आरती उतारी और केक लगाकर उस देवी जैसी बच्ची से आशीर्वाद लिया और हमने उस बच्ची से सीखा कि जिंदगी में कभी हार नहीं माननी चाहिए जैसा कि विद्यालय में पढ़ाया जाता था की बिना मेहनत के कभी नौका पार नहीं होती और मेहनत करने वालों की कभी हार नहीं होती आज उस समय उस नन्ही सी जान ने यह शब्दों के सही मायने हमें सिखाएं और जिंदगी का डटकर मुकाबला करने का हुनर हमें दिया उस बच्ची को शत शत नमन करते हुए
गिफ्ट गिफ्ट के रूप में उसे आगे बढ़ने के अवसर पर शिक्षा के अभाव में शिक्षा का संदेश देते हुए पेन(कलम) दिया और बच्ची को पढ़कर इस समाज में मान प्रतिष्ठा मिले और स्पेन के द्वारा ऐसी कामना कमलेश विश्वकर्मा के द्वारा की गई