ग्राम नाहरमऊ में खेत आने जाने पर जलभराव से हो रही समस्या हजारों लोगों की यह सरपंच महोदय तक नहीं पहुंच रही किसानों की बातें अकेले जूझ रहे किसान
ग्राम नाहरमऊ में खेत आने जाने पर जलभराव से हो रही समस्या हजारों लोगों की मां यह सरपंच महोदय पटना से जो कुछ अच्छे हो किसी तक नहीं पहुंच रही किसानों की बातें अकेले जूझ रहे किसान
ग्राम नाहरमऊ में खेत आने जाने पर जलभराव से हो रही समस्या हजारों लोगों की मां यह सरपंच महोदय तक नहीं पहुंच रही किसानों की बातें अकेले जूझ रहे किसान किसी भी सरपंच महोदय और सचिव मुखिया किसी को भी कोई सरोकार नहीं कि किसान कैसे जी रहे हैं कैसे अपना खेती कर रहे हैं इस मुसीबत से जूझते हुए आते हैं हजारों लोगों की यही आवाज
नाहरमऊ से सहजपुर के लिए रोड हमने नन्ही लाल कुर्मी , से बात की तो उनका ऐसा मानना है कि इस रास्ते से उन हजारों लोगों की जिंदगी को खतरा है उन्होंने बताया कि वाहन तो दूर वहां पर तो पैदल भी जाने में दिक्कत होती है कहीं पर फिसल जाते हैं पानी का भराव इतना रहता है और गिरने की आशंका इतना होती है लगभग 1से 2 फीट पानी भर जाता है और लोग ऐसी स्थिति में स्वयं और बच्चों के साथ शाम के 6:00 और 7:00 बजे के करीब खेत से लौटते और आती जाती है किसानों की मजबूरी है और ऐसे में उन्होंने बताया कि जीव-जंतुओं का भी खतरा रहता है 1 दिन की बात है कि उनके पैरों के नीचे एक सांप आ गया था और वह बच गए ऐसे ही वरना हो बाय सांप उनको डस लेता और उनकी मृत्यु भी निश्चित थी और उन्होंने बताया ईश्वर की कृपा से आज हम सलामत खड़े हैं और अन्य जीव-जंतुओं से अनेक लोगों को खतरा रहता है लेकिन क्या करें किसानों की कोई सुनता नहीं ऐसी स्थिति को झेलने के लिए मजबूर हैं किसान एवं स्कूल आते जाते बच्चेऔर इसमें बहुत लोगों को फायदा भी मिलेगा क्योंकि वहां से बताया गया कि सहेजपुर ,महुआ खेड़ा, मोहासा, खरखारी, कमरिया, नवलपुर आदि गांव से बच्चे पढ़ने आते हैं बच्चों के बैग कीचड़ में गिर जाते हैं कभी बच्चे खुद से कीचड़ में लथपथ हो जाते हैं और ऐसी स्थिति को कोई नहीं देख पा रहा कहां पर साइकिल जाने आने की व्यवस्था और 10 10 किलोमीटर बच्चे पढ़ने के लिए आते हैं ऐसे ही एक विद्यार्थी नर्मदा प्रसाद रजक पिता करन रजक से भी बात की तो उन्होंने बताया कि कम से कम 50 से 60 विद्यार्थी ऐसे ही बरसात के दिनों में मजबूर हैं और नर्मदा के पिता करन रजक और उनके बड़े पिता मुन्ना रजक ने बताया की बहुत ही समस्या बनी हुई है और कोई सुनता नहीं सरपंच महोदय को फिक्र नहीं है बस हम गरीब लोग जी जूझ रहे हैं समस्या से गुलाब कुर्मी से भी बात हुई बरसात का समय निकालते हैं हम लोगों ने पचास सौ बार सरपंच महोदय से बात उठाई गई लेकिन कोई हल नहीं निकला अभी तक रास्ते का कोई सुधार नहीं हो पा रहा और उन्होंने बताया कि इस की गहराई लगभग 8 से 9 फीट होगी और चारों तरफ झाड़ियां जानवरों के होने का डर बना रहता है अभी भी कोई भी अनवर झाड़ियों में छुपकर हमला कर सकता है नन्ही लाल कुर्मी जी के द्वारा आ गया यहां पर 60 से 70 किसान प्रभावित हैं और अनेकों बार सांप जैसे जानवरों या जंतुओं ने किसानों को बहुत ही हानि पहुंचाई है इसके बाद भी सरपंच महोदय पंचायत के द्वारा कदम नहीं उठाया गया रोड बनवाने से बच्चे एवं 150 किसानों को इसका आने की जाने की समस्या हल हो जाएगी श्री नन्ही लाल जी ने अनेक प्रकार की बातें बताएं पंडित श्री राम रतन दुबे जी के द्वारा किसानों को लेकर दुखद शब्द सुनने को मिले और उन्होंने कई बार इस मामले को पंचायत में भी उठाया लेकिन कोई हल नहीं निकला सरपंच महोदय और अधिकारी लोग उनकी समस्याओं को सुनने के लिए एग्री ही नहीं है किसी को कोई सरोकार नहीं किसान कैसे जी रहा है कैसी परिस्थिति में आना-जाना कर रहा है
घर कोई ऐसी स्थिति में लौटने के लिए मजबूर हैं आपके गिरते हुए
कृपया कमेंट कर उत्साह वर्धन करे कमलेश लुहार