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Party leader पार्टी नेता, Leaders नायक Location:-Sehore, Madhya Pradesh, India

मजदूर दिवस पर श्रमिक बंधुओं को नमन

30 Apr 2018

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श्रम सम्माननीय है। उसे सम्मान से देखा जाना चाहिए। कोई भी कार्य छोटा या बड़ा नहीं होता। सभी श्रम एक समान हैं। जितना सम्मान हम श्रम को देंगे, उतनी ही उत्पादन में वृद्धि होगी और उतनी ही तेजी से विकास होगा। श्रम के बिना विकास का स्वप्न साकार नहीं हो सकता। प्रदेश का चहुंमुखी विकास हो रहा है। नए उद्योग कल-कारखाने स्थापित हुए हैं, सड़कें व नहरों का निर्माण तेजी से हो रहा है।

 

श्रम से ही प्रदेश व राष्ट्र का विकास संभव है। श्रम से जुड़े हुए व्यक्ति का स्थान अग्रिम पंक्ति में होने के साथ ही सर्वत्र उसका सम्मान किया जाना चाहिए। इसीलिए दुनिया के सभी महान विचारकों ने मजदूरों की बेहतरी को शासन और सत्ता के लिए सबसे महत्वपूर्ण कर्तव्य बताया है। कार्ल मार्क्स ने कहा है कि मजदूर जितना परिश्रम करता है, उसके अनुरूप उसे उसका प्रतिफल मिलना चाहिए। स्वामी विवेकानंद हों, महात्मा गांधी हों, पंडित दीनदयाल उपाध्याय हों, पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी हों, दत्तोपंत ठेंगड़ी हों या हमारे वर्तमान प्रधानमंत्री आदरणीय नरेन्द्र मोदी जी हों, सभी ने मजदूरों के जीवन में खुशहाली लाने और उन्हें सुरक्षा प्रदान करने पर बल दिया है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने तो स्वयं को मजदूर नंबर एक बताते हुए, मजदूरों के कल्याण के लिए अनेक योजनाएं शुरू की।

 

भारत में 80% से अधिक श्रमिक असंगठित क्षेत्र में कार्यरत हैं। पूरे देश में लगभग 45 करोड़ और मध्यप्रदेश में 1 करोड़ 80 लाख असंगठित श्रमिक हैं। ग्रामीण मध्यप्रदेश में श्रमिक कार्यबल की भागीदारी दर 40.5% है, जो कि ऑल इंडिया औसत 39.9% से अधिक है।  

 

असंगठित श्रमिकों के लिए विभिन्न नियम और अधिनियम बनाने वाला मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है। हमारी योजनाएँ गांधीवादी सिद्धांत “क्षमता के अनुसार योगदान और आवश्यकता के अनुसार लाभ” पर आधारित हैं। आपके और आपके परिवार के आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए मैंने मुख्यमंत्री असंगठित मजदूर कल्याण योजना लागू की है। इस योजना में आपके जीवन को खुशहाल बनाने के अनेक प्रावधान किये गये हैं।

 

राष्ट्रीय स्तर पर जब जन-सामान्य तथा श्रमिक वर्ग के लिए कल्याणकारी योजनाएँ लागू करने एवं उनके क्रियान्वन की बात चलती है तो मध्यप्रदेश का नाम सर्वप्रथम लिया जाता है। असंगठित श्रमिकों के लिए व्यापक सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने का संकल्प हमारी सरकार ने लिया है। इससे हमारे श्रमिक भाइयों की नि:स्वार्थ प्रतिबद्धता का मार्ग प्रशस्त हुआ है। आज जाकर कहीं उसे अहसास हुआ है कि उसके योगदान को पहचाना गया है। उसके परिश्रम को सम्मान मिला है। 

 

मेरे जीवन का प्रण है कि मध्यप्रदेश को बनाने वाले मजदूर भाइयों के मजबूत हाथों को हम कभी मजबूर नहीं होने देंगे। आखिर इनके कठिन तप और अथक परिश्रम से ही तो नये मध्यप्रदेश का निर्माण संभव हुआ है। आधारभूत ढाँचों के विकास में हमने देश ही नहीं, बल्कि दुनिया के कई बड़े शहरों को पीछे छोड़ा है। सक्षम और सशक्त श्रमिक ही एक सुंदर, समृद्ध और सुनहरे मध्यप्रदेश का निर्माण करेगा।