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Party leader पार्टी नेता, Leaders नायक Location:-Sehore, Madhya Pradesh, India

राष्ट्र मंगल के पर्याय नरेन्द्र मोदी जी!

30 May 2020

नहीं दरिद्र कोउ, दुखी न दीना।
नहीं कोउ अबुध, न लक्षन हीना।।
  गोस्वामी तुलसीदास जी ने रामराज्य की अवधारणा प्रतिपादित करते समय यही कहा कि जहाॅ कोई दरिद्र न हो, कोई दुखी न हो, कोई दीन-हीन न हो, कोई अषिक्षित न हो और कोई संस्कार विहीन न हो, वही रामराज्य है। ‘रा’ से राष्ट्र और ‘म’ से मंगल अर्थात् राष्ट्र के मंगल की अवधारणा रखने वाला राज्य ही रामराज्य कहलाता है। रामराज्य का अर्थ कोई धार्मिक कर्मकाण्ड अथवा साम्प्रदायिक व्यवस्था को विकसित करने वाला भाव नहीं है, बल्कि सर्वजन के सर्वांगीण विकास की गारंटी देने वाली लोककल्याणकारी व्यवस्था है। इस व्यवस्था को कायम करने के लिये एक ऐसे व्यक्तित्व की आवष्यकता होती है, जिसकी संवेदना, सरोकार, सहकार, साहस, दृढ़ता और वैचारिक प्रमाणिकता सदैव संदेहों से परे होती है। ऐसे मनुष्य लंबे कालखण्ड में कभी-कभी कृति रूप में दिखाई देते है। आज हम पक्के विष्वास के साथ कह सकते है कि भारत के प्रधानमंत्री श्रीमान् नरेन्द्र मोदी जी का व्यक्तित्व राष्ट्रमंगल अर्थात् रामराज्य का पर्याय बना हुआ है। 
 देश की जनता ने पिछले साल जिस प्रचंड बहुमत से मोदी जी को सरकार बनाने का जनादेश दिया था, उससे सहज ही यह अंदाज लगाया जा सकता था कि एक कार्यकाल की उपलब्धियों के बाद जनता मोदी जी पर कितना विश्वास करती है और उसे उनसे कितनी अपेक्षाएं हैं। जनता के इसी विश्वास को आदर देते हुए प्रधानमंत्री श्री मोदी जी की सरकार ने पिछले एक साल में ऐसे काम किए हैं, जिनके बारे में कभी किसी ने यह नहीं सोचा था कि ये इतनी आसानी और सहजता से किए जा सकते हैं। 


साकार हुआ एक विधान, एक निशान का सपना
  जनसंघ और भारतीय जनता पार्टी के साथ देश की अधिकांश जनता के लिए जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 एक शूल की तरह चुभता रहा है। अनुच्छेद 370 और 35 ए के संरक्षण दिये जाने के कारण कश्मीरी पंडितों के उत्पीड़न, दशकों से कश्मीर में रह रहे अनुसूचित जाति के लोगों के शोषण और पूरे राज्य की डेमोग्राफी को विकृत करने के षडयंत्रों को होने दिया गया। जनसंघ और भाजपा के इस बात पर अटल रहे कि कश्मीर में पनप रहे आतंकवाद और अलगाववाद की वजह यही दो कानूनी प्रावधान हैं, लेकिन क्षुद्र राजनीतिक स्वार्थों के चलते किसी ने कभी इन्हें हटाने के बारे में नहीं सोचा। दूसरी बार सत्ता में आने के बाद 05 अगस्त, 2019 को केंद्र की मोदी सरकार ने अनुच्छेद 370 तथा 35 ए को हटाने और जम्मू कश्मीर राज्य को जम्मू-कश्मीर तथा लद्दाख के रूप में विभाजित कर दो केंद्र शासित प्रदेश बनाने की घोषणा की। एक देश, दो निशान, दो विधान अब अतीत की बात है और जम्मू कश्मीर में लौटती हुंई शांति की पदचाप सारी दुनिया को सुनाई दे रही है। आज डाॅ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी और अन्य बलिदानियों के बलिदान सार्थक सिद्ध हुए है। 


मुस्लिम बहनों को शोषण से मुक्ति
 दुनिया के कई मुस्लिम देश दशकों पहले तीन तलाक प्रथा को अन्यायपूर्ण मानते हुए इस पर रोक लगा चुके हैं। लेकिन एक मुस्लिम देश न होते हुए भी भारत की सरकारों ने सिर्फ वोट बैंक की राजनीति के चलते इसे देश में चलने दिया। कट्टरपंथियों के तुष्टिकरण के लिए कांग्रेस पार्टी किस हद तक जा सकती है, इसका उदाहरण शाह बानो प्रकरण में तत्कालीन राजीव गांधी सरकार के रवैये से मिलता है, जिसने सुप्रीम कोर्ट के कहने के बावजूद मुस्लिम महिलाओं को उनका वाजिब हक नहीं दिया। प्रधानमंत्री श्री मोदी की सरकार अपने पहले कार्यकाल में अध्यादेश लाई थी। लेकिन अपने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत में ही यह सरकार मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण अधिनियम लेकर आई, जो 31 जुलाई, 2019 को कानून बन गया। मोदी सरकार ने इस कानून के जरिए न सिर्फ मुस्लिम महिलाओं के वैवाहिक और सामाजिक जीवन को सुरक्षा देने का काम किया, बल्कि लाखों महिलाओं के जीवन पर मंडराते अनिश्चय के खतरे से भी उन्हें आजादी दिलाई, जो किसी सपने के साकार होने से कम नहीं। कांग्रेस ने 1985 में शाहबानों को जो दर्द दिया था, उस दर्द का निवारण भाजपा की सरकार ने शायराबानो के रूप में 2019 में कर दिया।


सी.ए.ए. मानवता का बेमिषाल चेहरा
 देश की आजादी और विभाजन के समय से ही पाकिस्तान, पूर्वी पाकिस्तान जो अब बांग्लादेश है, अफगानिस्तान आदि से गैर मुस्लिम अल्पसंख्यकों की प्रताड़ना की खबरें लगातार आती रही हैं। कहीं उनके घर जला दिये गए, कहीं बहनों और बेटियों को अगवा करके जबरन निकाह करा दिये गए । इन हिंदू, सिख, बौद्ध, ईसाई, पारसी आदि अल्पसंख्यकों में से हजारों लोग अपनी जान और धर्म की रक्षा के लिए भारत आ गए, जो उनका स्वाभाविक घर है। अपना सब कुछ खोकर आए इन शरणार्थियों की व्यथा को देश महसूस तो करता था, लेकिन इनके लिए किया कुछ नहीं जा सका। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और सरदार पटेल जैसे नेताओं के स्पष्ट आश्वासन के बावजूद बाद की कांग्रेस सरकारों ने अपनी कथित सेक्युलर छवि को चमकाने की मंशा से इन्हें दशकों तक नारकीय जीवन जीने पर मजबूर कर दिया। केंद्र की मोदी सरकार ने जब अपने दूसरे कार्यकाल में 10 जनवरी, 2020 को नागरिकता संशोधन कानून बनाया, तो जैसे इन लाखों शरणार्थियों का सपना साकार हो गया। अब ये शरणार्थी सिर उठाकर अपने देश में जी सकेंगे और इन्हें वह सभी अधिकार हासिल होंगे जो इस देश के नागरिकों को मिले हैं। 


दुनिया में बढ़ा भारत का मान
 भारत को विश्वगुरु बनाने के अपने अभियान में प्रधानमंत्री श्री मोदी दूसरे कार्यकाल में भी पहले कार्यकाल की ही तरह सक्रिय रहे हैं। ह्यूस्टन में ‘ हाउडी मोदी’ और गुजरात के अहमदाबाद में ‘नमस्ते ट्रंप’ कार्यक्रमों का सफल आयोजन मोदी जी के विश्व नेता और भारत के विश्वगुरु के रूप में उभरने का संकेत दे रहे हैं। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने वैसे तो सारी दुनिया से ही संबंध सुधारे हैं, लेकिन सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण हैं दुनिया के इस्लामिक देशों के साथ भारत के रिश्ते। सऊदी अरब से लेकर यूएई सहित तमाम इस्लामिक देशों ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित किया है। यह इस्लामिक देशों के साथ भारत के प्रगाढ़ रिश्तों का ही परिणाम था कि कश्मीर मसले पर दुनिया के अधिकांश इस्लामिक देश भारत के साथ खड़े रहे। यह मोदी जी के सफल नेतृत्व और कूटनीति का ही परिणाम है कि ओआईसी की बैठक में पाकिस्तान जब भारत विरोधी प्रस्ताव लाता है, तो दुनिया के इस्लामिक देश ही उसे वीटो कर देते हैं। 


संकट बना सेवा और आत्मनिर्भर भारत बनाने का अवसर
 दूसरे कार्यकाल के पहले ही साल में प्रधानमंत्री मोदी की सरकार को कोरोना महामारी के वैश्विक संकट से भी दो चार होना पड़ा। इस सरकार ने न सिर्फ इस संकट से दो-दो हाथ किए, बल्कि इसे पीड़ितों की सेवा और देश को आत्मनिर्भर बनाने के अवसर में बदल दिया। लोगों की सुरक्षा के लिए प्रधानमंत्री श्री मोदी ने लॉकडाउन का कठोर निर्णय अवश्य लिया, लेकिन गरीबों, मजदूरों और समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति की चिंता उन्हें बराबर बनी रही। प्रधानमंत्री मोदी ने 20 लाख करोड़ के राहत पैकेज को देश को आत्मनिर्भर बनाने के अभियान का नाम दिया। इसमें एमएसएमई, निजी क्षेत्र के कर्मचारियों, करदाताओं, मजदूरों, किसानों आदि सभी वर्गों के लिए राहतभरे प्रावधान तो शामिल हैं ही, देश को आत्मनिर्भर बनाने की सोच भी है। आने वाले वर्षों में यह अभियान ना केवल देश के आर्थिक ढांचे को बदलने वाला साबित होगा,  बल्कि इसका व्यापक कूटनीतिक असर भी देखने को मिलेगा।


मुसीबत में दिया सभी का साथ
 कोरोना महामारी के दौर में प्रधानमंत्री श्री मोदी की सरकार ने न सिर्फ इस बीमारी से मुकाबले के लिए समुचित उपाय किए, बल्कि सीमित संसाधनों के बावजूद दुनिया के सभी देशों की हरसंभव मदद की। कहीं, भारतीय डॉक्टर और नर्स मरीजों के उपचार में सहायता कर रहे हैं, तो कहीं भारत दवाएं और अन्य जरूरी चीजें भेज रहा है। इस समूचे अभियान की विशेषता यह रही है कि भारत ने हर जरूरतमंद देश की बिना किसी भेदभाव के मदद की है। यही वजह है कि भारत से मदद पाने वालों में जहां महाशक्ति अमेरिका शामिल है, तो गरीब अफ्रीकी देश भी शामिल हैं। मोदी सरकार के प्रयासों से भारत डब्लूएचओ की एक्जीक्यूटिव बॉडी का चेयरमैन बन गया है। कुल मिलाकर कोरोना संकट के चलते भारत की दुनिया में जो छवि उभरी है वह एक वर्ल्ड लीडर की, विश्व गुरु की है l  


दूरदृष्टा और दृढ़प्रतिज्ञ प्रधानमंत्री
 श्री नरेन्द्र मोदी जी की संपूर्ण कार्यषैली पर हम नजर डाले तो स्पष्ट होता है कि वे एक अहिर्निष सेवावृती और दूरदृष्टा प्रधानमंत्री है, जिनकी प्रतिज्ञा उन्हें निरंतर ध्येय मार्ग पर चलने का संबल देती है। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास, उज्जवला, उजाला, आयुष्मान भारत और जन-धन खातों के माध्यम से देषवासियों को सम्मानजनक जीवन का हौसला देते हुए क्रमबद्ध तरीके से न सिर्फ भारत में यह विष्वास जगाया कि भारत के लोगों का स्वाभिमान और सम्मान सर्वोच्च है। बल्कि विष्व को भी यह भरोसा दिया कि हम सर्वे भवन्तु सुखिनः के साधक है। विष्व योग दिवस की उपलब्धि इसका बड़ा उदाहरण है। आज चाहे कोरोना का विषय हो, पाकिस्तान पोषित आतंकवाद हो अर्थात् चीन की सीमा पर हो रही डेªगन की दादागिरी हो, सभी विषयों पर मोदी जी के प्रति विष्व का जो विष्वास है वह भारत की बड़ी ताकत बना हुआ है। अपनी सुरक्षा और आर्थिक स्वावलंबन की दिषा में मोदी जी ने जो भी फैसले लिये है उसका सारी दुनिया ने स्वागत किया है। आज उनकी दूरदृष्टि आत्मनिर्भर भारत की ओर कूच कर गई है, वे स्वामी विवेकानंद के समरस, समर्थ, समृद्ध और सषक्त भारत की ओर तेजी से आगे बढ़ रहे है। 

 मध्यप्रदेष में ही आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत आत्मनिर्भर मध्यप्रदेष बनाने की दिषा में सषक्त कदम उठाना प्रारंभ कर दिये है और हम मोदी जी की प्रेरणा से अपना संपूर्ण योगदान देने के लिये तत्पर है। 

आपका 

शिवराज