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जरूरी है कार की सर्विसिंग

विशेषज्ञों के मुताबिक इंजन ऑयल जैसी कई चीजों की एक सीमित उम्र होती है। गाड़ी खड़ी रहती हो या फिर रोज चलती हो, सही समय पर सर्विसिंग आपकी कार की सेहत के लिए बेहद जरूरी है। नियमित सर्विसिंग में क्या ध्यान रखें,

 

एयर फिल्टर/ऑयल फिल्टर
ध्यान रखें कि साफ ऑयल और साफ एयर फिल्टर से कार की माइलेज बढ़ती है। एयर फिल्टर में धूल हो तो इंजन तक हवा का प्रवाह बाधित होता है और इंजन का काम प्रभावित होता है। जब इंजन का एयर फिल्टर धूल से भर जाता है तो इंजन को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है और ईंधन की क्षमता भी घटती है।

इंजन ऑयल
ऑयल साफ होने से भी माइलेज बढ़ती है। पेट्रोल कार हो तो ऑयल को हर 5,000 किलोमीटर के बाद बदल देना चाहिए। डीजल कार में ऐसा 2,500 किमी पर ही कर लेना चाहिए। ऑयल बदलवाते रहें और फिल्टर की सफाई करते रहें तो ईंधन पर खर्च 5-7 प्रतिशत कम हो सकता है। इंजन ऑयल के अलावा गाड़ी के रनिंग किलोमीटर के अनुसार आपको अन्य ऑयल भी नियमित रूप से बदलने चाहिए। इसके लिए कार के साथ मिले मैन्युअल को देखें, यह आपका सही मार्गदर्शन करेगा।

एलाइनमेंट और व्हील बैलेंसिंग
एक्सपर्ट के मुताबिक हर 2,500 किमी के बाद एलाइनमेंट और 5,000 किमी के बाद व्हील बैलेंसिंग जरूर करवाएं। इसके अलावा अगर आपकी कार खराब रास्तों से गुजरती है तो आपको एलाइनमेंट व बैलेंसिंग जल्दी करवानी चाहिए। कार सर्विस के दौरान एग्जीक्यूटिव ये जानकारी देते हैं। वैसे अधिकृत सर्विस सेंटर के मुकाबले बाहर के सर्विस सेंटर में एलाइनमेंट व बैलेंसिंग का शुल्क काफी कम होता है।

इलेक्ट्रिकल सिस्टम
आए दिन चलती गाड़ी में आग लगने जैसी कई घटनाएं पढ़ने व सुनने को मिलती हैं। नियमित रूप से सविर्सिग न करवाना इसका एक बड़ा कारण होता है। गाड़ी के इलेक्ट्रिकल सिस्टम में शॉर्ट सर्किट आग लगने की एक वजह बन जाता है।

टायर
सड़क की सतह पर सबसे पहले गाड़ी के टायर ही सम्पर्क बनाते हैं। इनकी स्थिति हर हाल में अच्छी होनी चाहिए। टायर में लगे किसी भी कट को नजरअंदाज न करें। सर्विसिंग के दौरान आपको टायरों की स्थिति का भी पता चलता है। टायरों का फटना भी सड़क दुर्घटना की एक बड़ी वजह है। इसके अलावा कूलेंट बदलना, इंजन टय़ूनिंग आदि कई ऐसे कार्य सर्विसिंग के दौरान किए जाते हैं, जो आपकी कार की सेहत को दुरुस्त रखते हैं।